नई दिल्ली। अगस्ता-वेस्टलैंड डील मामले में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल से सीबीआई ने रातभर पूछताछ की है, मिशेल सिर्फ दो घंटे की ही नींद ले पाया है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ मुख्यालय पहुंचने पर उसे बेचैनी का दौरा पड़ा, लिहाजा उसके लिए वहां डॉक्टर बुलाना पड़ा। इलाज के बाद उससे रिश्वत की रकम के बंटवारे और सौदे से जुड़े दस्तावेजों की पहचान को लेकर सघन पूछताछ की गई।
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नाश्ते से पहले उसे सुबह चार से छह बजे तक ही सोने दिया गया। छह बजे के बाद सीबीआइ के विशेष जांच दल के अधिकारियों ने उससे फिर पूछताछ की। बुधवार शाम करीब चार बजे उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया गया। मिशेल को बुधवार देर रात करीब 1.20 बजे सीबीआइ मुख्यालय पहुंचने पर उसे 11 मंजिला इमारत के भूतल पर स्थित लॉकअप में रखा गया है।
सीबीआइ मिशेल से जानना चाहती है कि फिनमैक्केनिका और अगस्ता वेस्टलैंड से उसकी कंपनियों को मिली 283 करोड़ रपये (4.22 करोड़ यूरो) की रकम को उसने आगे किस तरह वितरित किया ताकि रिश्वत की रकम के वितरण की श्रृंखला (मनी ट्रेल) स्थापित की जा सके।
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सीबीआइ का आरोप है कि मिशेल ने इस मामले में जांच से बचने की कोशिश की इसलिए उसका मामला अन्य बिचौलिए गुइडो हश्के से अलग है। हश्के इटली में मुकदमे का सामना कर रहा है। उसके अलावा सौदे में एक और बिचौलिए कार्लो गेरोसा का नाम भी आया था। सीबीआइ ने मिशेल के खिलाफ पिछले साल सितंबर में आरोप पत्र दाखिल किया था। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया, ‘नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष सीबीआइ जज ने 24 सितंबर, 2015 को खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया और फरवरी, 2017 में उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया।’ तभी से मिशेल कैद में था।
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