सड़क पर तड़पते रहे घायल,नहीं पहुंची एंबुलेंस, स्टाफ ने कहा- हाथी प्रभावित इलाका है | CG Elephant Terror:

सड़क पर तड़पते रहे घायल,नहीं पहुंची एंबुलेंस, स्टाफ ने कहा- हाथी प्रभावित इलाका है

सड़क पर तड़पते रहे घायल,नहीं पहुंची एंबुलेंस, स्टाफ ने कहा- हाथी प्रभावित इलाका है

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : July 6, 2018/6:57 am IST

कोरबा। कोरबा में हाथियों के आतंक से घबराए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने घायलों को एंबुलेस से लाने से ही इनकार कर दिया। जी हां, ये मामला कोरबा जिले के कोल्गा के पास का है। फुलझरी गांव में रहने वाला गुलाब अपने दोस्त के साथ कहीं जा रहा था कि सड़क हादसे का शिकार हो गया।

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उनकी मोटरसाइकिल बेकाबू होकर गड्ढे में गिर गई। दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए और उसी अवस्था में उन्होंने खुद संजीवनी एक्सप्रेस को फोन लगाकर मदद के लिए बुलाया। लेकिन फोन उठाने वाले स्टाफ ने कह दिया कि वो हाथी प्रभावित इलाका है, लिहाजा वे वहां नहीं जा सकते। घायल के परिजनों के आरोपों की स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है। 

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पत्थलगांव इलाके में भी जंगली हाथी से किसान परेशान हैं । अब इनके आतंक से बच्चों ने स्कूल जाना भी छोड़ दिया है। क्योंकि पत्थलगांव से महज 3 किलोमीटर दूर वन विभाग के नर्सरी में जंगली हाथी ने 15 दिन से डेरा डाला हुआ है। इस नर्सरी से लगी सड़क से होकर ही बच्चे स्कूल जाते हैं। लिहाजा हाथियों के डर से अब सुगापारा, और सरनापारा सरकारी स्कूल में जाने वाले बच्चे घर पर ही रहते हैं।

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इन बच्चों के माता-पिता भी जान का खतरा मोल लेकर अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते। वहीं वन विभाग पंद्रह दिनों से इन हाथियों को नर्सरी इलाके से खदेड़ने में नाकाम साबित हुआ है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में गुस्सा है। गांव के सरपंच भी वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। वहीं वन विभाग की अपनी ही दलील है, वो रेंज अफसरों से इस मामले में बातचीत की बात कह रहे हैं। 

 

 

वेब डेस्क, IBC24