सतना। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान 2018 के अखाड़े में सतना विधानसभा में एक ऐसा प्रत्याशी मैदान में है, जो मतदाताओं के लिए कौतूहल का विषय है। ये प्रत्याशी न सुन सकता है और न ही बोल सकता है, मगर हौसला ऐसा कि इसकी सोच के आगे बड़े-बड़े नेता पानी मांगे। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ ये मूकबधिर युवा अब राजनीति में कदम रख चुका है और सतना विधानसभा सीट से अपना दल का प्रत्याशी है। इस प्रत्याशी को जिताने देश भर से आए दिव्यांग प्रचार में जुटे हैं और ढोल नगाड़ों और सीटी बजाकर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
सतना जिले के गौरैया निवासी सुदीप शुक्ला देश के पहले दिव्यांग (मूक-बधिर) प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में है। सुदीप बैंगलौर में सॉप्टवेयर इंजीनियर थे, मगर नौकरी छोड़कर अब 2018 के अखाड़े में कूदे हैं। सुदीप ने सोशल मीडिया को हथियार बनाया है और फेसबुक, वाट्सएप के माध्यम से अपनी बात रख रहे हैं। सुदीप की बहन और एक अन्य सहयोगी इंदौर से आकर सुदीप की इशारों को जनता तक पहुंचा रहे हैं।
सुदीप की मानें तो देश के नेता न बोल रहे हैं, न सुन रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे में हम जैसों की जरूरत हैं। वहीं नेपाल के राघब बीर जोशी सांसद हो चुके हैं। युगांडा में एलेक्स सांसद बन चुके हैं। अफ्रीका-कनाडा में भी दिव्यांग संसद हो चुके हैं। ये सभी वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सुदीप को चुनाव लड़ने के लिए टिप्स दे रहे हैं। सुदीप ने सोशल मीडिया को हथियार बनाया है और एटीन फेमिग को आदर्श मान चुनावी दंगल में हैं।
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विधायक बनने के लिए सुदीप का नारा है ‘एक्शन स्पीच लाउड येन वर्ड’। सुदीप के समर्थन में देश भर के दिव्यांग सतना में जुटे हैं और घर-घर जाकर वोट माग रहे हैं। यही नहीं 4 साल की मूकबधिर मासूम भी सुदीप के लिए प्रचार कर रही है। जो अपने नन्हे हाथो से इशारों में मतदाताओं को समझाती है और सुदीप के बारे में बताती है। दिव्यांगों को देख सहसा हर मतदाता आकर्षित हो रहा है।
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