धान खरीदी की तैयारियां शुरु, पुराने किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने की जरुरत नहीं | Dhan Kharidi 2018 :

धान खरीदी की तैयारियां शुरु, पुराने किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने की जरुरत नहीं

धान खरीदी की तैयारियां शुरु, पुराने किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने की जरुरत नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : October 12, 2018/10:14 am IST

रायगढ़। छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2018-19 के लिए धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरु होगी। खास बात ये है कि इस बार पुराने किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने की जरुरत नहीं होगी। खरीदी में अभी पखवाडे भर से भी अधिक का समय बचा है लेकिन फिर भी अब तक जिले में धान खरीदी के लिए पंजीयन कराने वाले किसानों की कुल संख्या 79854 तक जा पहुंची है। इतना ही नहीं इस बार धान का रकबा भी 1 लाख 41 हजार 160 हेक्टेयर तक जा पहुंचा है। इधऱ जिला प्रशासन का दावा है कि इस बार धान खरीदी में पूरी पारदर्शिता रहेगी।

प्रदेश भर में धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरु होगी। रायगढ़ जिले में भी धान खरीदी की तैयारियां शुरु हो गई है। इस बार जिले की 79 समितियों के जरिए 122 खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी होगी। खास बात ये है कि राज्य शासन ने इस बार पिछले साल धान खरीदी में शामिल होने वाले किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने के झंझट से छूट दे दी है। ऐसे में इस बार उन्हीं किसानों को फिर से पंजीयन कराना होगा जिनके रकबे में संशोधन होगा।

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पिछले साल के आंकड़ों पर ध्यान दें तो बीते साल 78944 किसानों ने धान खरीदी के लिए पंजीयन कराया था वहीं धान का कुल रकबा 1 लाख 39 हजार 959 हैक्टेयर था। इस बार अब तक 910 नए किसानों ने पंजीयन कराया है ऐसे में अब तक पंजीयन कराने वाले किसानों की कुल संख्या 79 हजार 854 जा पहुंची है। वहीं धान का रकबा भी बढकर 1 लाख 41 हजार 160 हैक्टेयर जा पहुंचा है।

इधर जिला प्रशासन ने भी बीते सालों में धान खरीदी के दौरान सामने आई गड़ियों को देखते हुए इस बार सख्त नियम बनाए हैं। नए नियम के मुताबिक धान के पंजीयन के दौरान न सिर्फ किसानों का आधार कार्ड अनिवार्य होगा बल्कि रकबे में संशोधन होने या फिर रकबे में वृद्धि होने पर तहसीलदार व पटवारी के भौतिक सत्यापन के बाद ही संशोधन किया जा सकेगा।

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कलेक्टर का कहना है कि इस बार धान खरीदी की पूरी तरह मानीटरिंग की जाएगी। किसी भी तरह की रकबे में या किसानों की संख्या में वृद्धि होने पर इसकी जांच की जाएगी,म उसके बाद ही खरीदी की अनुमति दी जाएगी। जिला प्रशासन का दावा है कि इस बार धान खरीदी में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाएगी।

वेब डेस्क, IBC24