रायपुर –राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के प्रावधानों के तहत प्रमस्तिष्क अंगाघात ,स्व-परायणता,बौद्धिक मंदता एवं बहुनिःशक्तता वाले निःशक्तजनों को जीवनपर्यंत आश्रय देने के लिए वर्ष 2013 से ‘घरौंदा’ योजना की शुरुआत की गयी है .इस योजना के तहत दिसंबर 2017 की स्थिति में 150 निःशक्तजनों को लाभान्वित किया जा रहा है .
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समाज कल्याण विभाग द्वारा स्वैच्छिक संस्थाओं के सहयोग से प्रदेश के चार जिलों रायपुर,कोरिया,सरगुजा और बिलासपुर में आश्रय स्थल ‘घरौंदा’ का संचालन किया जा रहा है .इन आश्रय स्थलों में 18 वर्ष से अधिक आयु के निःशक्त व्यक्तियों को जीवनपर्यंत निःशुल्क आश्रय एवं उपचार दिया जाता है . राज्य शासन द्वारा इस योजना के लिए दो करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा गया है.उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के प्रावधानों के तहत प्रमस्तिष्क अंगाघात ,स्व-परायणता ,बौद्धिक मंदता एवं बहुनिःशक्तता वाले बच्चों के पालकों को वैधानिक अभिभावक नियुक्त करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में अब तक 16 जिलों में स्थानीय समिति भी गठित की जा चुकी है तथा अन्य जिलों में समिति गठन की प्रक्रिया चल रही है .साथ ही पर्यवेक्षण और मूल्यांकन के लिए राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी भी गठित की गयी है .
वेब टीम IBC24
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