रायपुर, छत्तीसगढ़। भाजपा संगठन चुनाव में विवाद होने के बाद अब रायपुर, दुर्ग, भिलाई में जिला अध्यक्ष के चुनाव नहीं होंगे, बल्कि यहां मनोनयन किया जाएगा।
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बड़े नेताओं की एक राय नहीं बन पाने के कारण ये फैसला लिया गया है। अब जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। बता दें इससे पहले मंडल अध्यक्ष चुनाव में भी विवाद की स्थिति बनी थी।
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गौरतलब है कि खेमेबाजी और गुटबाजी के कारण 29 जिलों में से केवल 11 जिलों में ही अध्यक्ष का चुनाव हुआ है, राजधानी रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव समेत 18 जिलों में अध्यक्ष के नाम को लेकर एक राय नहीं बनी । चुनाव को लेकर हो रहे खींचतान को बीजेपी जहां महज चुनावी प्रकिया बता रही। वहीं इस पर कांग्रेस को कटाक्ष करने का मौका मिल गया।
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पहले मंडल चुनाव और अब जिलाध्यक्ष को लेकर खेमेबाजी और गुटबाजी इतनी बढ़ गई कि निर्धारित वक्त में 29 में से 11 जिलों में ही सर्वसम्मति से जिलाध्यक्ष चुने गए। इसमें भी कई नाम को लेकर आपत्ति सामने आई है। सबसे ज्यादा विवाद पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर है। जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर खींचतान पर पार्टी नेताओं का तर्क है कि, कुछ जिलों में एक से ज्यादा योग्य उम्मीदवार हैं इसी वजह से नाम पर सहमति नहीं बन पाई।
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