गंगा की सौगंध | Ganga Ki Saugandh

गंगा की सौगंध

गंगा की सौगंध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 02:56 AM IST, Published Date : November 16, 2018/5:52 pm IST

ये अविश्वास का चरमोत्कर्ष है। पोस्ट के साथ संलग्न तस्वीर बताती है कि एक बार भरोसा टूट जाए तो उसे दोबारा हासिल करना कितना कठिन होता है। कांग्रेस अविश्वास के इसी दौर से गुजर रही है, और नौबत गंगा जल हाथ में उठा कर सौगंध खाने के सियासी नौटंकी करने की आ गई है।

कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया है। ये वादा उसके घोषणा पत्र में शामिल है। होर्डिंग, पोस्टर और पंपलेट में कर्जमाफी का वादा बड़े-बड़े अक्षरों में दर्ज है। राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस का हर छोटा-बड़ा नेता लोगों को कर्जमाफी का वादा याद दिलाना नहीं भूल रहा। वादे पर एतबार जगाने के लिए राहुल गांधी कर्नाटक और पंजाब में की गई कर्जमाफी को बतौर सबूत पेश कर रहे हैं। लेकिन अगर इसके बावजूद कांग्रेस के पूर्व मंत्री आर पी एन सिंह को कर्जमाफी के वादे पर यकीन दिलाने के लिए रायपुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ताओं के साथ हाथ में गंगा जल उठाकर सौगंध खानी पड़ जाए तो समझा जा सकता है कि लोगों में कांग्रेस के प्रति अविश्वास कितनी गहरी पैठ बना चुका है।

वैसे छत्तीसगढ़ में गंगा जल से ज्यादा प्रभावकारी गाय की पूंछ या तुलसी का चौरा पकड़ कर सौगंध खाना माना जाता है। तो अगर अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता गाय और तुलसी चौरा लेकर पहुंच जाएं तो हैरान मत होइएगा।

सौगंध से याद आया, एक सौगंध तो भाजपाइयों ने भी खाई थी। सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे।

 

सौरभ तिवारी

असिस्टेंट एडिटर,IBC24