अब बात करते हैं..मध्यप्रदेश की एक और विधानसभा सीट राऊ की..सबसे सीट की भौगोलिक स्थिति पर एक नजर
इंदौर जिले में आती है विधानसभा
2008 ये सीट अस्तित्व में आई विधान सभा
जिले की एकमात्र सीट जिस पर कांग्रेस का कब्जा
कुल मतदाता- 3 लाख 1530
पुरुष मतदाता- 1 लाख 55 हज़ार 938
महिला मतदाता-1 लाख 45 हजार 571
कांग्रेस के जीतू पटवारी हैं वर्तमान विधायक
राऊ की राजनीति
राऊ विधानसभा मे जीत हमेशा जीतू की होती है.. दरअसल सीट पर कांग्रेस के जीतू पटवारी और बीजेपी के जीतू जिराती ही आमने-सामने रहे हैं…और अब हुए दो मुकाबले में रिकार्ड एक-एक की बराबरी पर है…और अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो दोनों में भिड़ंत एक बार फिर तय है..ऐसे में दोनों नेता आगामी चुनाव जीतकर दूसरे पर बढ़त लेने की कोशिश करेंगे।
इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से एक मात्र सीट राऊ है जो..कांग्रेस के हिस्से में है..बाकि सभी पर बीजेपी का कब्जा है..2008 में अस्तित्व में आई राऊ विधानसभा सीट का सियासी इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है..लेकिन अब तक हुए दो चुनावों में एक बार बीजेपी ने तो एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। शहरी और ग्रामीण परिवेश को समेटे राऊ विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है..2008 में हुए पहले चुनाव मे जीतू पटवारी बीजेपी प्रत्याशी जीतू जिराती से 3700 वोटों से हार गए थे..लेकिन 2013 में बीजेपी लहर के बावजूद जीतू पटवारी ने अपनी मेहनत के दम पर बीजेपी के जीतू जिराती को 18 हजार 559 वोटों से हराया।
जीतू पटवारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं..जिसका फायदा भी उन्हें हाल ही में प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर मिला है…आने वाले विधानसभा चुनाव में जीतू पटवारी को कांग्रेस से टिकट मिलना तय है…वहीं दूसरी ओर बीजेपी से पूर्व विधायक जीतू जिराती को एक बार फिर पार्टी मौका दे सकती है..उन्हें जिराती को राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का करीबी माने जाते हैं..वहीं कई दिग्गज नेता भी जीतू जिराती को ही चुनाव लड़ने के लिए सहमति दे चुके है। इन दोनों के अलावा पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधु वर्मा भी राऊ से चुनाव लड़ने का पूरा मन बना चुके हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से नज़दीकी का लाभ मिल सकता है।
राऊ विधानसभा के मुद्दे
पिछली चुनाव में राऊ की जनता ने बीजेपी के बजाय कांग्रेस को यहां मौका दिया था..लेकिन कांग्रेस विधायक उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम ही रहे हैं…ग्रामीण इलाकों में जहां आज भी जनता पानी की किल्लत से परेशान हैं..वहीं शहर में अतिक्रमण का मुद्दा लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।
..राऊ की जनता ने पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी को अपना विधायक चुना था..जो अपने इलाके में काफी सक्रिय माने जाते है..लेकिन कांग्रेस विधायक के कार्यकाल के दौरान भी राऊ के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुई…बल्कि वो बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति के बीच फंस कर रह गई है.. राऊ के शहरी और ग्रामीण इलाकों मेंरहने वाले लोगों की अलग-अलग मसले हैं..शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर चलाई गई कार्रवाई सबसे बड़ी सिरदर्द बन चुकी है..दरअसल राऊ में एबी रोड़ और स्टेशन पर कुछ समय पहले प्रशासन ने जोर-शोर से अतिक्रमण हटाय़ा..लेकिन कुछ जगह तोड़ा और कहीं छोड़ दिया.. जिन हिस्सों से अतिक्रमण हटाकर सड़क का निर्माण किया गया ..वहां फिल लोग जमने लगे हैं..और सड़क पर चलने वालों को परेशानी होने लगी।
वहीं सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल के पास नया थाना खोलने को लेकर भी लोग नाराज हैं.. लोगों के मुताबिक थाना पास होने से छात्र-छात्राओं पर इसका बुरा असर पड़ेगा। रहवासी भी स्कूल के पास थाना बनाने के विरोध में हैं। राऊ विधान सभा में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र आते है जहां पानी की काफी समस्या है। जिससे आम जनता और खेती करने वाले किसानों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
वेब डेस्क, IBC24