अब बात मध्यप्रदेश की बड़वाह विधानसभा की…सीट के सियासी समीकरण और मुद्दों के बारे में जानेंगे..लेकिन इसके प्रोफाइल पर एक नजर डाल लेते हैं..
बड़वाह विधानसभा
खरगोन जिले में आती है विधानसभा सीट
नर्मदा किनारे बसा है बड़वाह
मिर्च उत्पादन के लिए मशहूर
मिर्च मंडी के लिए भी जाना जाता है
जनसंख्या -3 लाख 52 हजार 541
कुल मतदाता- 2 लाख 12 हजार 807
पुरुष मतदाता- 1 लाख 9 हजार 288
महिला मतदाता- 1 लाख 3 हजार 517
वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा
हितेंद्र सिंह सोलंकी
हैं बीजेपी विधायक
बड़वाह की सियासत
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है..बड़वाह विधानसभा में सियासी हलचल तेज हो गई है.. इसके साथ भाजपा और कांग्रेस में टिकट मांगने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट भी लंबी होती चली जा रही है..टिकट की आस में नेता जनता के दरबार में भी पहुंचने लगे हैं।
बीते चुनाव में बड़वाह विधानसभा सीट पर कमल खिला था…बीजेपी के हितेंद्र सिंह सोलंकी और कांग्रेस के राजेंद्र सिंह सोलंकी के साथ कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सचिन बिरला के चुनानी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय रहा था…इस मुकाबले में बीजेपी के हितेंद्र सिंह सोलंकी ने जीत का परचम लहाराया था…अब फिर विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने वाली है तो जीत हार के गुणा-भाग लगाने में जुट गए सियासी दल…इसके साथ ही विधायक की टिकट की रेस भी शुरु हो गई है…कांग्रेस की बात करें तो एक दर्जन से ज्यादा दावेदार शामिल हैं… जिसमें सबसे पहला नाम है कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का..इसके अलावा बीते चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे सचिन बिरला भी टिकट की कतार में हैं…तो वहीं नरेंद्र पटेल और डोंगर सिंह खंडाला भी दावेदार हैं…अब बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक हितेंद्र सिंह सोलंकी प्रबल दावेदार हैं… तो वहीं कृष्णमुरारी मोघे भी दावेदारों में से एक हैं..इसके अलावा गुलाबचंद मंडलोई,सोहन सिंह सोलंकीऔर ज्योति येवतीकर भी टिकट की दौड़ में हैं ।
बड़वाह के मुद्दे
हर चुनाव से पहले नेता बड़वाह की जनता से लुभावने दावे तो करते हैं..लेकिन तमाम दावो के बावजूद बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में दुश्वारियों की कोई कमी नहीं है..शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज भी इलाका पिछड़ा नजर आता है..वहीं रोजगार की कमी के कारण यहां के लोग पलायन को मजबूर हैं।
बंपर मिर्च उत्पादन और मशहूर मिर्च मंडी ये पहचान भले हो बड़वाह विधानसभा की लेकिन हालात उलट हैं क्योंकि किसान परेशान हैं, तो वहीं मिर्च मंडी में अव्यवस्थाएं फैली नजर आती हैं.. हालांकि नई मिर्च मंडी स्वीकृत तो हुई लेकिन काम कुछ नहीं हुआ..स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो कहने को तो बड़वाह और सनावद में दो बड़े अस्पताल हैं लेकिन डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के चलते मरीजों को जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है.
स्वास्थ्य के साथ स्कूली और उच्च शिक्षा भी बदहाल है…बड़वाह में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है..कभी चूना उद्योग के लिए बड़वाह जाना जाता था लेकिन वो उद्योग बंद होने से बेरोजगारी हर तरफ दिखाई देती है नतीजा पलायन के लिए मजबूर हैं लोग…इसके अलावा इंदौर-इच्छापुर राजमार्ग फोरलेन की मांग भी सालों से की जा रही है लेकिन वो अब तक पूरी नहीं हो सकी है…तो वहीं महेश्वर रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज की मांग भी अधूरी है..बड़वाह बायपास की मांग भी पूरी नहीं हो सकी है…इन सब समस्याओं के बीच नर्मदा में बढ़ता प्रदूषण और अवैध रेत उत्खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है ।
वेब डेस्क, IBC24
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