नई दिल्ली। अभियान संबंधी समन्वय बढाने के उद्देश्य से भारत और रूस की वायुसेनाएं जोधपुर में सोमवार से 12 दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू करेंगी। बताया जा रहा है कि ‘एवीइंडर’ नाम का यह अभियान अद्वितीय होगा क्योंकि रूस की वायुसेना अपना साजोसामान लेकर नहीं आएगी और वह युद्धाभ्यास में भारतीय उपकरणों का इस्तेमाल करेगी।
वायुसेना के अधिकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर लड़ाकू विमान रूसी मूल के ही हैं और दोनों देशों की वायुसेनाएं आपसी तालमेल के महत्वपूर्ण स्तरों को छू चुकी हैं। वहीं रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक भारत में, ‘रशियन फेडरेशन ऐयरोस्पेस फोर्स’ के पायलट भारतीय वायुसेना के विमानों में भारतीय पायलटों के साथ उड़ान भरेंगे जो दोनों वायुसेनाओं में समान हैं।
गौरतलब है कि रक्षा क्षेत्र में रुस और भारत के संबंध दोस्ताना रहे हैं। इस क्षेत्र में रुस भारत का महत्वपूर्ण साथी रहा है। दोनों देशों के बीच सहयोग में वृद्धि हुई है। दोनों देश अक्टूबर 2017 में 10 दिवसीय युद्धाभ्यास कर चुके हैं। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की थलसेना, नौसेना और वायुसेना शामिल हुई थीं। दोनों देश की तीनो सेना इससे पहले इंडर नाम से युद्धाभ्यास कर चुकी हैं।