अब बात मध्यप्रदेश की पृथ्वीपुर विधानसभा की…सियासी समीकरण और मुद्दों से पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर…
टीकमगढ़ जिले में आती है विधानसभा सीट
कुल मतदाता- 2 लाख 6 हजार
पुरुष मतदाता-1 लाख 29 हजार 860
महिला मतदाता-76 हजार 240
106 ग्राम पंचायत और 2 नगर पंचायत विधानसभा में शामिल
वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा
अनीता नायक हैं बीजेपी विधायक
सिसासत-
बीजेपी के कब्जे वाली पृथ्वीपुर विधानसभा में कांग्रेस सेंध लगाने की कोशिश में है…लेकिन इस सीट पर जीत हासिल करना किसी को भी इतना आसान नहीं होगा..क्योंकि बीजेपी-कांग्रेस ही नहीं बल्कि बसपा और सपा भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है ।
2008 में कांग्रेस की जीत तो 2013 में बीजेपी की जीत का परमच..ऐसी सियासी तस्वीर है पृथ्वीपुर विधानसभा की…बीते चुनाव में बीजेपी की अनीता नायक ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर को शिकस्त दी थी…अब चुनाव नजदीक हैं तो चुनावी बिसात भी बिछने लगी है..और टिकट की दावेदारी भी शुरु हो गई है…बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक अनीता नायक टिकट की रेस में सबसे आगे हैं।
इसके अलावा गनेशी लाल नायक और रोशनी यादव भी दावेदारों में शामिल हैं..बात कांग्रेस की करें तो पूर्व विधायक बृजेंद्र सिंह का नाम दावेदारों में सबसे ऊपर है…इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य राधा रमन पस्तोर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं..क्योंकि राधा रमन पस्तोर की विधानसभा में मजबूत पकड़ मानी जाती है..पूर्व मंत्री अखंड प्रताप यादव भी दावेदार हैं..बीजेपी और कांग्रेस की तरह ही सपा और बसपा में दावेदारों की लाइन लगी है…सपा से शिशुपाल यादव इस बार चुनावी मैदान में हो सकते हैं ।
मुद्दे-
बुंदेलखंड के बाकी इलाकों की तरह ही पृथ्वीपुर का हाल है..हर तरफ समस्याओं का अंबार..विकास की बात तो छोड़िए पीने के पानी तक के लिए तरस रही है जनता ।
पिछड़ापन..गरीबी..बेरोजगारी और अभावों का हर तरफ बसेरा..यही हाल है पृथ्वीपुर विधानसभा का…बुंदेलखंड की बाकी विधानसभाओं की तरह पृथ्वीपुर में भी समस्याओं का अंबार है..स्कूली और उच्च शिक्षा बदहाल है..स्कूलों में शिक्षक की कमी है तो वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी के चलते जिला मुख्यालय जाने को मजबूर हैं छात्र…स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बुरा हाल है..डॉक्टरों और संसाधनों की कमी के चलते मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं..गांवों में तो स्थिति बेहद खराब है।
हालत ये कि इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ देते हैं..बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है..क्योंकि रोजगार के साधन हैं नहीं..नतीजा पलायन के लिए मजबूर हैं लोग..पृथ्वीपुर में पेयजल संकट भी एक बड़ी समस्या है..गर्मियों में तो हालत ये की बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करते दिखाई देते हैं लोग…विधानसभा में विकास की रफ्तार क्या है ये इससे अंदाजा लग जाता है की बेतवा-जामनी नदी का पुल जर्जर है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं..इन सब समस्याओं के बीच विधानसभा में अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है ।
वेब डेस्क, IBC24
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