मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री हैं कमलनाथ, जानिए उनका सियासी सफर | Kamal Nath is the 18th Chief Minister of Madhya Pradesh, know his political journey

मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री हैं कमलनाथ, जानिए उनका सियासी सफर

मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री हैं कमलनाथ, जानिए उनका सियासी सफर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : December 17, 2018/2:07 pm IST

भोपाल। सोमवार को शपथ लेने के बाद 72 वर्षीय कमलनाथ मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री बन गए हैं। गांधी परिवार के करीबी कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को एकजुट कर जीत दिलाई। कमलनाथ के बेहतर मैनेजमेंट और पार्टी नेताओं से तालमेल ने कांग्रेस को राज्य में 15 साल बाद वापसी दिलाई। आईए एक नजर डालते हैं कमलनाथ के सियासी सफर पर।

कमलनाथ नौ बार सांसद रहे चुके हैं। केंद्रीय मंत्री के रूप में संसदीय कार्य, शहरी विकास जैसे अहम विभाग संभाल चुके हैं। 8 महीने पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने कमलनाथ को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपना तीसरा बेटा मानती थीं। 34 साल की उम्र में कमलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। वे कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के अलावा दो बार केंद्र में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।

1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में इंदिरा गांधी को मदद करने वाले कमलनाथ अब 39 साल बाद उनके पोते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी तुरुप के इक्के साबित हुए हैं। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने आई थीं। इंदिरा ने तब मतदाताओं से चुनावी सभा में कहा था कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे हैं, कृपया उन्हें वोट दीजिए।

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्में कमलनाथ के पिता नाम महेंद्रनाथ और माता का लीला है। उन्होंने देहरादून स्थित दून स्कूल से पढ़ाई की और फिर कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से स्नातक किया। कमलनाथ ने अलका नाथ से शादी की और उनके दो बेटे हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी जैसे प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने का काम किया। लोगों को साथ लेकर चलने की उनकी खासियत ने ही कांग्रेस को मध्यप्रदेश में एकजुट किया और 15 साल से काबिज बीजेपी को पटखनी दी और कांग्रेस का वनवास खत्म किया।