सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नज़ारा देखना हो तो जाइए कन्याकुमारी | Kanyakumari Tourism:

सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नज़ारा देखना हो तो जाइए कन्याकुमारी

सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नज़ारा देखना हो तो जाइए कन्याकुमारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 02:13 AM IST, Published Date : November 14, 2018/11:44 am IST

भारत में ऐसी बहुत सी जगह है जहां घूमना लोगो को पसंद है। ठण्ड के मौसम में ज्यादातर लोग घूमने का प्लान बनाते है। ऐसे में अगर आप भी किसी जगह की तलाश में है तो एक बार तमिलनाडु के दक्षिण तट पर बसा कन्याकुमारी जरूर जाये। जो हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का संगम स्थल है। भारत के इस अंतिम छोर पर आप दो समुद्रों का अद्भुत मिलन देख सकते हैं। कन्याकुमारी भारत का ऐसा तीर्थ स्थान हैं, जहां आप रोमांच की भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए तो टूरिस्ट देश-विदेश से आते हैं। आइये जानते हैं कन्याकुमारी के कुछ खास पर्यटन स्थल।
कोर्टलम झरना
मंदिर और ऐतिहासिक महल के साथ-साथ यहां पर बेहद खूबसूरत कोर्टलम झरना भी है। 167 मीटर ऊंचे इस झरनें को औषधीय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि झरनें में स्नान करने से हर बीमारी दूर हो जाती है।

तिरुवल्लुवर मूर्ति
133 फीट ऊंची और 2000 टन भारी तिरुवल्लुवर मूर्ति भारत की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है। इस मूर्ति को बनाने के लिए कुल 1283 पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।
भगवती अम्मन मंदिर
यह मंदिर लगभग 3000 साल पूराना है। यह पहला दुर्गा मंदिर है जिसे परसुराम भगवान ने बनाया था। इस जगह से समुद्र का बेहतरीन नजारा दिख रहा है। यहां सागर की लहरों की आवाज संगीत की तरह सुनाई देती है।
पदमानभापुरम महल
सिर्फ मंदिर ही नहीं, कन्याकुमारी के पदमानभापुरम महल की भव्यता को देखकर भी आप हैरान हो जाएंगे। राजा त्रावनकोर द्वारा बनाई गई यह विशाल हवेली अपनी सुदंरता के लिए भी मशहूर है।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल
समुद्र में बने इस स्थान को देखने के लिए टूरिस्ट भारी मात्रा में आते हैं। कन्याकुमारी के पवित्र स्थानों में से एक इस स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था। इसके अलावा माना जाता है कि यहां कन्याकुमारी ने भी तपस्या की थी और उनके पैरों के निशान अभी भी यहां हैं।

अवर लेडी ऑफ रैनसम चर्च
अवर लेडी ऑफ रैनसम चर्च को मदर मैरी की याद में बनवाया गया था। इसका निर्माण 15वीं सदी में हुआ था और आज यह कन्याकुमारी के शानदार पर्यटन स्थल में यह भी एक है।

सुनामी स्मारक
2004 में सुनामी ने भारत के कई तटीय शहरों में तबाही मचाई थी, जिसकी याद में यहां ‘सुनामी स्मारक’ बनाया गया है।