करूणानिधि के निधन पर सात दिनों का शोक, मरीना बीच पर दफनाने को लेकर विवाद | Karunanidhi Death:

करूणानिधि के निधन पर सात दिनों का शोक, मरीना बीच पर दफनाने को लेकर विवाद

करूणानिधि के निधन पर सात दिनों का शोक, मरीना बीच पर दफनाने को लेकर विवाद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : August 8, 2018/3:40 am IST

तमिलनाडु। करूणानिधि के निधन पर तमिलनाडु सरकार ने सात दिन के शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। करुणानिधि का पार्थिव शरीर आज सुबह राजाजी हॉल में लाया गया। राजनीतिक हस्तियों के साथ कई जानी-मानी हस्तियां भी पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने पहंच रही है। राजाजी हॉल में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्रित है। आज करूणानिधि का अंतिम संस्कार किया जाएगा।  

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इस बीच करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच में दफनाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। आपको बतादें पहले पार्थिव शरीर को मरीना बीच में दफनाने से सरकार की ओर से बयान आया था कि हाईकोर्ट अपनी व्यस्तता के कारण मरीना बीच में जगह देने में असमर्थ है। याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इस मामले में कोर्ट की सुनवाई लगभग पुरी हो चुकी है और हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने अपना ऑर्डर रिकॉर्ड कर लिया है।  

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द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी।

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स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। इसलिए सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।

 

वेब डेस्क, IBC24

 

 
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