क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस सबसे पहले 1998 में मलेशिया के एक गांव ‘सांगुई निपाह‘ में इस वायरस का पता चला और ये नाम इसे वहीं से मिला। इस बीमारी के चपेट में आने की पहली घटना तब हुई जब मलेशिया के खेतों में सूअर फ्रूट बैट (चमगादड़ की एक प्रजाति) के संपर्क में आए। ये जंगलों की कटाई की वजह से अपना घर गंवा चुके थे। खेतों तक पहुंच गए थे।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं। बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, तेज सिरदर्द और फिर बुखार से होती है। इसके बाद बुखार दिमाग तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है। इस वायरस से पीडित व्यक्ति की मौत की आशंका 50 से 70% होती है।
क्या करें
भयानक निपाह वायरस का अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है। बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है। इससे संक्रमित रोगी की उचित देखभाल और डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा जाना चाहिए।
क्या न करें
एक रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई व्यक्ति निपाह वायरस से मरता तो उसके शरीर को गले न लगाएं न ही चूमें और पार्थिव शरीर को ले जाते वक्त अपने मुंह को कपड़े से जरूर ढंक लें।
घबराने की जरूरत नहीं, सेहत के प्रति चिंता करना बेहद जरुरी है। सुरक्षित रहें।
वेब डेस्क, IBC24