बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा चलाया जा रहा है जिसकी शुरुआत मस्तूरी और कोटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हो चुकी है। लेकिन मस्तूरी में सिर्फ तीन और कोटा में केवल दो पुरुषों की ही नसबंदी हो पायी। कम संख्या में नसबंदी को स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया है और सीएमएचओ बिलासपुर ने मस्तूरी के 60 और कोटा के 54 स्वास्थ्य कार्यकर्ता को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है।
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कर्मचारियों से पूछा गया है कि इतनी कम नसबंदी क्यों हुयी और क्या जमीनी स्तर पर संपर्क नहीं किया गया। दूसरे चरण में छह और आठ दिसंबर को गौरेला, पेंड्रा, मरवाही, बिल्हा और तखतपुर ब्लॉक में नसबंदी शिविर लगाया जाएगा, जबकि 10 दिसंबर को बिलासपुर शहर के अलग अलग स्थानों पर कैंप लगेंगे।
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दरअसल नसबंदी चाहे महिला की हो या पुरुष की जिले में अब तक लोगों का नसबंदी को लेकर विश्वास नहीं देखा जा रहा है। हम आपको बता दें कि नवंबर 2014 में बिलासपुर में 13 और गौरेला में एक महिला की मौत नसबंदी के दौरान हो गयी थी, जिसके बाद से नसबंदी के आंकड़ों में काफी गिरावट देखी जा रही है।
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