डाक टिकट पर अपना फोटो नहीं लगवा रहे लोग, फ्लाॅप हुई विभाग की 'माई स्टाम्प योजना' | Post Office scheme :

डाक टिकट पर अपना फोटो नहीं लगवा रहे लोग, फ्लाॅप हुई विभाग की ‘माई स्टाम्प योजना’

डाक टिकट पर अपना फोटो नहीं लगवा रहे लोग, फ्लाॅप हुई विभाग की 'माई स्टाम्प योजना'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : May 3, 2018/4:02 pm IST

रायपुर। ऐतिहासिक डाक टिकटों पर अपनी फोटो लगवाने का मौका डाक विभाग ने लोगों को दिया है। लेकिन इस योजना के प्रचार प्रसार और महंगे होने के कारण लोग इससे जुड़ नहीं पा रहे है। डाक विभाग ने माई स्टाम्प योजना शुरु की थी, लेकिन पिछले 4 सालों में महज 600 लोगों ने ही इस योजना का लाभ लिया और डाक टिकट के साथ अपनी फोटो लगवाई, जो की काफी कम माना जा रहा है।

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भारतीय डाक विभाग की माय स्टाम्प योजना आम लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में विफल साबीत हो रही है। छत्तीसगढ़ में जनवरी 2014 में ‘माई स्टाम्प’ योजना शुरु हुई थी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की चार साल बाद भी सिर्फ 600 लोगों ने इसका फायदा उठाया है। माय स्टाम्प योजना के तहत 300 रुपए देकर कोई भी इंसान अपने पसंद की 5 रुपए मूल्य की 12 टिकट बनवा सकता है। डाक विभाग के अधिकारी भी मानते है की इस योजना के फ्लॉप होने के पिछे मुख्य कारण इसका मेकिंग चार्ज अधिक होना और प्रचार प्रसार में कमी है। 

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रायपुर सर्कल पिछले चार साल मे सिर्फ 600 लोगों ने ही इस योजना के तहत अपनी पसंद की डाक टिकट छपवाई है, ये आंकड़ा बहुत कम है। इसके लिए हम मानते है की जिनता प्रचार प्रसार किया जाना था, उतना नहीं हुआ। शुरुआत में यह योजना आम नागरिकों के लिए लागू की गई थी, बाद में इसे कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए भी खोल दिया। कॉर्पोरेट संस्थाओं को कम से कम 5000 टिकट एक साथ प्रिंट कराना अनिवार्य किया गया, लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ के किसी भी कॉर्पोरेट ग्रुप ने एक भी टिकट इस योजना के तहत नहीं बनवाई। डाक विभाग की यह योजना काफी अच्छी है, इससे व्यापारी अपनी मार्केटिंग और ब्रांडिंग कर सकता है। लेकिन प्रचार प्रसार के साथ साथ इसकी कीमत में थोड़ी कमी करनी होगी। डाक टिकटों का इस्तेमाल लगातार कम होता जा रहा है। इस लिहाज से माई स्टाम्प योजना पोस्टल विभाग ने शुरु की थी, ताकी डाक टिकट का इस्तेमाल बढ़ सके, लेकिन विभाग के अधिकारियों की उदासनिता के कारण ही ये योजना भी फ्लाप होती दिखाई दे रही है। 

 

वेब डेस्क, IBC24