रेरा का पूरा हुआ साल, पारदर्शिता बढ़ी, बड़े असर का अब भी इंतजार | RERA Act :

रेरा का पूरा हुआ साल, पारदर्शिता बढ़ी, बड़े असर का अब भी इंतजार

रेरा का पूरा हुआ साल, पारदर्शिता बढ़ी, बड़े असर का अब भी इंतजार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : June 29, 2018/11:06 am IST

नई दिल्ली। केंद्र के निर्देश के बाद रियल एस्टेट रेग्युलेशन ऐंड डिवेलपमेंट ऐक्ट (रेरा) को देश के कई राज्यों में लागू किए हुए सालभर हो गए हैं। कुछ राज्य सरकारों ने ऐक्ट को नोटिफाई करने में देर की है या फिर इसके प्रावधानों में हल्का हेरफेर करते हुए इनमें नरमाई ला दी है।

जानकारों की मानें तो महाराष्ट्र ने रेरा को ठीक से लागू किया है। मध्य प्रदेश भी कदम उठा रहा है, लेकिन दूसरे राज्यों में मामला सुस्त है। अधिकतर राज्यों ने घर खरीदारों को दिखाने के लिए अंतरिम नियामक  नियुक्त कर दिया है लेकिन स्थाई नियामक नहीं बनाया है। देशभर में देखें तो रेरा के तहत करीब 25000 प्रॉजेक्ट्स रजिस्टर हुए हैं। इनमें से 60 फीसदी से ज्यादा तो अकेले महाराष्ट्र में है जबकि पश्चिम बंगाल ने तो एक कदम आगे बढ़कर रेरा को दरकिनार कर दिया है। उसने हाउसिंग इंडस्ट्री रेग्युलेशन ऐक्ट के नाम से अपना अलग हाउसिंग कानून बना लिया है।

यह भी पढ़ें : मुंबई प्लेन क्रैश- एयरक्राफ्ट ने 10 साल से नहीं भरी थी उड़ान, डीजीसीए से नहीं मिला था सर्टिफिकेट भी

जानकार ये भी कहते हैं कि ‘रेरा के लिए ये शुरुआती दिन हैं, अभी भले इसकी सुस्ती पर फोकस न भी किया जाए तो आने वाले 3-4 साल में रियल एस्टेट एक अलग ही इंडस्ट्री के रुप में बदल जाएगा। वैसे ये तो माना जा रहा है कि रेरा के आने के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर पहले की तुलना में पारदर्शी हुआ है। रेरा का एक फायदा देखने में ये भी आ रहा है कि बिल्डर्स या रियल एस्टेट डेवलपर्स ने एक प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले दूसरा और तीसरा प्रोजेक्ट लॉन्च करना बंद कर रहे हैं। लॉन्च करने से पहले वे मंजूरी ले रहे हैं।

वेब डेस्क, IBC24