नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले सोमवार को इस्तीफा दे दिया। प्रेस कांफ्रेंस कर उपेंद्र कुशवाहा इसका आधिकारिक एलान करेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वो दिल्ली में आज होने वाली एनडीए की सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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संसद के शीतकालीन सत्र के एक दिन पहले ख़ासकर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम का इंतज़ार किए बिना मंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर कुशवाहा ने निश्चित रूप से इस बात का संकेत दिया है कि बिहार के विधानसभा चुनावों में वो अब बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के अपने लक्ष्य पर काम करेंगे।
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए ठीक संकेत नहीं है। रालोसपा की विपस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है। आपको बतादें पहले भी उपेंद्र कुशवाहा ने इससे पहले बिहार में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने के भी संकेत दे चुके हैं।
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उनके इस फैसले से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से भाजपा और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे। रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे। रालोसपा अब विपक्ष से हाथ मिला सकती है जिसमें लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस शामिल हैं। बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं।