बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले के बिलाईगढ़ हाइस्कूल के शिक्षकों शिक्षा के मंदिर में जाम छलकाते धरे गए। नायब तहसीलदार ने शिक्षकों को रंगे हाथ पकड़ा, तहसीलदार को देखते ही शिक्षक रफूचक्कर हो गए। शिक्षा के मंदिर में कढ़ाई में पका चिकन, आस पास शराब की बोतलें, और यहां वहां शराब का ग्लास और चखना बिखरा पड़ा था। जिस स्कूल में मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जिस स्कूल में पुस्तकों से छात्रों के जीवन को गढ़ा जाता है, उस स्कूल के शिक्षकों की करतूत ने शिक्षा जगत को ही शर्मसार कर दिया है। स्कूल में बच्चे पढ़ने और अपना भविष्य गढ़ने आते हैं, लेकिन इस तरह की तस्वीरों से उनके कोमल मन में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी चिंता किये बगैर शिक्षकों ने जाम के लिए अपने ईमान को बेच दिया।
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बिलाईगढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक स्कूल के समाप्त होते ही दारू पार्टी कर रहे थे। शिक्षकों की इस काली करतूत की भनक ग्रामणों को लग गयी और किसी ने इसकी जानकारी बिलाईगढ़ एसडीएम को दे दी जिसके बाद मौके पर जाकर नायब तहसीलदार ने दबिश दी और जैसे ही शिक्षकों को इसकी जानकारी हुई। 8 शिक्षक मौके से फरार हो गए और एक शिक्षक पकड़ा गया, पकड़े गए शिक्षक ने स्कूल में पार्टी करने की बात कबूली।
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शिक्षा के मंदिर में ऐसी घिनौनी तस्वीरें कोई नहीं देखना चाहेंगा, जिस स्कूल में मां बाप बच्चों को इस उम्मीद में भेजते हैं कि बच्चा पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बन सके, लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति कभी किसी से छुपी नहीं है, स्कूलों की बदहाल स्थिति को तो हर कोई जानता है लेकिन जब स्कूल ही शिक्षकों के शराबखोरी का अड्डा बन जाये तो शिक्षा और शिक्षक से भरोसा उठना लाजमी है। समाज में शिक्षकों का स्थान सबसे ऊपर माना जाता है और गुरु को देवता…एक अच्छे शिक्षक से छात्र सीखते हैं। लेकिन वही शिक्षक समाज में अगर ऐसे कृत्य करेंगे तो आप बेहतर कल की कल्पना कैसे कर सकते है, स्कूलों में पार्टी कर रहे शिक्षकों पर तो प्रशासनिक अमला कार्रवाई की बात कर रहा है लेकिन देखने वाली बात होगी कि इसका शिक्षकों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
वेब डेस्क, IBC24
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