लखनऊ। उत्तरप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के एक साथ आने का शनिवार को आधिकारिक ऐलान हो गया। यह ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही मायावती ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाला बताया। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बेहद भयावह है।
मायावती ने कहा कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस, मोदी-शाह जो गुरु-चेले हैं की नींद उड़ाने वाली है। उन्होंने कहा कि हमने 1995 के गेस्ट हाउस कांड कांड को जनहित में देश से ऊपर रखते हुए गठबंधन का फैसला लिया। भाजपा ने लोकसभा व विधानसभा में बेईमानी से सरकार बनाई थी। इसके बाद तो हमने उपचुनावों में भाजपा को हराकर इनको रोकने की शुरुआत कर दी थी। इस चुनाव में तो कांग्रेस के उम्मीदवार की तो जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद चर्चा शुरू हुई कि सपा व बसपा साथ आ जाएं तो भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सकता है। दलितों, पिछड़ों, गरीबों, धार्मिक अल्पसंख्यक के हितों की उपेक्षा को देखते हुए गेस्ट हाउस कांड को किनारे करते हुए हमने गठबंधन का फैसला किया।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस के राज में घोषित इमरजेंसी थी और अब तो देश में अघोषित इमरजेंसी है। मोदी एंड कंपनी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर प्रभावी विरोधियों के खिलाफ गड़े मुकदमे उखाड़ कर उनको परेशान कर रहे हैं। कांग्रेस के साथ सपा-बसपा गठबंधन का कोई खास फायदा नहीं होता। हमारा वोट तो ट्रासंफर हो जाता है लेकिन कांग्रेस का वोट ट्रांसफर नहीं होता या अंदरूनी रणनीति के तहत कहीं और करा दिया जाता है। 96 में हमारे लिए कड़वा अनुभव था। 1993 में सपा बसपा का वोट ईमानदारी से ट्रांसफर हुआ था इसलिये गठबंधन कोई हर्ज नहीं है। अगर भाजपा ने पूर्व की तरह ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की और राम मंदिर जैसे मुद्दों से धार्मिक भावनाओं को नहीं भड़काया तो भाजपा एंड कंपनी को हम जरूर सत्ता में आने से रोकेंगे। उन्होंने कहा कि हम दोनों 38-38 सीट पर लड़ेंगे। दो सीट अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिये छोड़ी हैं। 2 सीट और कुछ अन्य पार्टी के लिये छोड़ी है। उन्होंने कहा कि हाल में भाजपा की अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई जांच की साजिश से हमारा गठबंधन और मजबूत हुआ है।
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन का मन तो उसी दिन बन गया था जिस दिन भाजपा नेताओं ने मायावतीजी पर अशोभनीय टिप्पणी की थी। इस अभद्र काम करने वालों पर भाजपा ने कोई भी कार्रवाई करने की जगह पर उनको मंत्री बनाकर ईमान दे दिया है। इसके बाद गठबंधन का मन उसी दिन पक्का हो गया था जब राज्यसभा में भीमराव अंबेडकर को छल से हराया गया था। मायावतीजी का धन्यवाद कि उन्होंने बराबरी का मान दिया। आज से मायावतीजी का अपमान मेरा अपमान होगा। गठबंधन लम्बा चलेगा, स्थाई रहेगा और अगले विधानसभा चुनाव तक रहेगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने यूपी में ऐसा माहौल बना दिया है कि अस्पतालों में इलाज, थानों में रिपोर्ट लिखने से पहले जाति पूछी जा रही है। भाजपा के अहंकार को समाप्त करने को बसपा व सपा का मिलना जरुरी था।
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बसपा अध्यक्ष मायावती का पीएम पद पर नाम समर्थन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं। अगर फिर से उत्तर प्रदेश, देश को प्रधानमंत्री देता है तो हम इसका स्वागत करेंगे। यूपी ने हमेशा पीएम दिया है। हमे खुशी होगा कि यूपी से पीएम बने। आपको पता है कि हमे किसे सपोर्ट करेंगे।
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