आलोक वर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- चयन समिति से परामर्श क्यों नहीं हुआ | The Supreme Court has reserved the verdict on Alok Vermas plea

आलोक वर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- चयन समिति से परामर्श क्यों नहीं हुआ

आलोक वर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- चयन समिति से परामर्श क्यों नहीं हुआ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : December 6, 2018/11:47 am IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई विवाद के मामले में डायरेक्टर आलोक वर्मा और एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के खिलाफ याचिका दायर करने वाले एनजीओ से सवाल पूछा कि क्या तय कार्यकाल होने से सीबीआई चीफ नियमों से परे हैं और उन्हें कोई छू नहीं सकता? शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से भी तल्ख सवाल पूछा कि जब यह विवाद तीन महीने से था तो 23 अक्टूबर को अचानक ऐसी क्या स्थितियां बन गईं कि केंद्र को रातों-रात सीबीआई डायरेक्टर की शक्तियां खत्म करने का फैसला करना पड़ा?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जब वर्मा कुछ महीनों में रिटायर होने वाले थे तो थोड़ा इंतजार और चयन समिति से परामर्श क्यों नहीं हुआ?

इस पर तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के मुताबिक इस विवाद में असाधारण स्थितियां पैदा हुईं। असाधारण परिस्थितियों में कभी-कभी असाधारण इलाज की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सीवीसी का आदेश निष्पक्ष था, दो वरिष्ठ अधिकारी लड़ रहे थे और महत्वपूर्ण मामलों को छोड़कर एक दूसरे के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे थे। सीवीसी ने कहा कि अगर सीवीसी कार्रवाई नहीं करता तो वह राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाबदेह होता। हमने जांच शुरू की थी लेकिन सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने महीनों तक दस्तावेज नहीं दिए।

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वहीं राकेश अस्थाना की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा- सीबीआई को आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी की जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहिए। रोहतगी ने कहा कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना इस केस में व्हिसलब्लोअर हैं, फिर भी सरकार ने उनके खिलाफ समान कार्रवाई की है। गौरतलब है कि सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त कर दिया था। जांच जारी रहने तक सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया।

 
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