सर्दियों में जाना है घुमनें तो चुनें इन जगह को | tour and travels

सर्दियों में जाना है घुमनें तो चुनें इन जगह को

सर्दियों में जाना है घुमनें तो चुनें इन जगह को

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:47 AM IST, Published Date : December 7, 2018/1:08 pm IST

यूं तो देश के उत्तर-पूर्व के सभी 7 राज्य अपने-आप में बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए मेघालय घूमना शानदार विकल्प हो सकता है. शिलांग और चेरापूंजी जाने के लिए आपको गुवाहाटी तक ट्रेन या फ्लाइट से जाना होगा, क्योंकि शिलांग और चेरापूंजी तक ना ट्रेन जाती है और ना ही फ्लाइट. गुवाहाटी से शिलांग के लिए लगातार साधन उपलब्ध रहते हैं इसलिए आसानी से वहां पहुंचा जा सकता है. इन तीनों शहरों में सैर-सपाटे के लिए तमाम जगह है।

नॉहकलिकई फॉल- चेरापूंजी से करीब 7 किमी दूर स्थि‍त नॉहकलिकई फॉल भारत का 5वां सबसे ऊंचा वॉटर फॉल है. इस वॉटरफॉल के पीछे एक कहानी है. कहते हैं कि का लिकई नाम की एक महिला थी, जिसने अपने पहले पति की मौत के बाद दूसरी शादी की. पहले पति से उसकी एक बेटी थी. का लिकई अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी और दूसरे पति को यह पसंद नहीं था. एक दिन लिकई किसी काम से बाहर गई थी और दूसरे पति ने उसकी बेटी की हत्या कर उसके टुकड़े को भोजन में डालकर पका दिया. लिकई लौटी तो उसे घर में बेटी की उंगली मिली, जिससे पूरा मामला खुला. बताया जाता है कि इसके बाद लिकई ने इसी वॉटरफॉल से कूदकर जान दे दी, जिसके बाद वॉटरफॉल का नाम नॉहकलिकई फॉल पड़ गया. खासी भाषा में नॉह का मतलब कूदना होता है।

एलिफेंटा फॉल- यह शिलांग शहर से करीब 12 किमी दूर है. इस वॉटरफॉल की खूूबसूरती भी देखते ही बनती है. इसके नाम के पीछे एक रोचक कहानी है। इस वॉटरफॉल का असली नाम का शैद लई पटेंग खोशी यानी कि तीन हिस्से वाला वॉटरफॉल है. बाद में अंग्रेजों ने इसका नाम बदल कर एलिफेंटाफॉल रख दिया, क्योंकि इस फॉल के पास एक पत्थर था, जो हाथी जैसा दिखता था. हालांकि 1897 में आए भूकंप में वो पत्थर नष्ट हो गया, लेकिन वॉटरफॉल का नाम बदला नहीं गया।

स्वीट फॉल-शिलांग में ही स्थित स्वीट फॉल इस शहर का सबसे खूबसूरत वॉटरफॉल माना जाता है. लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि ये वॉटरफॉल हॉन्टेड है. मेघालय में सबसे ज्यादा खुदकुशी और मौत की घटनाएं इसी वॉटरफॉल में हुई है।