सागर। एग्जाम से पहले जो टेंशन होता है, वो फेल हो जाने पर दोगुना हो जाता है और यही वजह है कि निराशा और अवसाद में डूबकर छात्र मौत को गले लगा लेते हैं। एक असफलता की वजह से जिंदगी खत्म करने की सोचने वाले ऐसे लोगों के लिए सागर का एक परिवार मिसाल बना है। इस परिवार ने बेटे के दसवीं क्लास में चार सब्जेक्ट में फेल हो जाने के बाद बाकायदा विजय जुलूस निकाला। शामियाना लगाकर मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी भी की।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का सीन तो आप भूले नहीं होंगे। मगर रील लाइफ का ये सीन अगर रियल लाइफ में शायद ही कभी देखा हो। यह घटना है मध्यप्रदेश के सागर की। यहां एक जुलूस निकलता नजर आया जिसमें माला पहले एक किशोर नजर आया। जुलूस में परिजनों के साथ गले में माला पहने वह किशोर सागर के सरस्वती शिशु मंदिर शिवाजी वार्ड का छात्र आशु व्यास था। एक दिन पहले आए दसवीं क्लास के रिजल्ट में वह चार सब्जेक्ट में फेल हो गया है। लेकिन फेल होने के बाद पूरे परिवार ने जश्न शुरू कर दिया। फेल हुए छात्र ने पिता के साथ माला पहनकर जुलूस निकाला और आतिशबाजियां की। साथ ही शामियाना लगाकर पूरे परिवार ने मिठाइयां भी बांटी।
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असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी हैऔर गिरने वाले ही संभलकर सफलता के नए शिखर को चूमते हैं। यही बात अपने फेल हुए बेटे को बताने और समाज को समझाने के लिए व्यास परिवार ने बेटे की असफलता का जश्न मनाया। रिजल्ट के बाद सुसाइड की कोशिश करने वालों के लिए ये बड़ा संदेश है कि एक बार फेल होने से जिंदगी खत्म नहीं हो जाती।
वेब डेस्क, IBC24
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