कुछ योगा अभ्यास जो बढ़ाएं हाइट | Yoga for Height Increase

कुछ योगा अभ्यास जो बढ़ाएं हाइट

कुछ योगा अभ्यास जो बढ़ाएं हाइट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 03:24 PM IST, Published Date : May 18, 2018/8:56 am IST

आम तौर पर हाइट को सुंदरता का पैमाना माना जाता है। लेकिन कई बार होता है की हम अपने किसी आलास या समय की कमी से अपनी हाइट बढ़ाने में चूक कर जाते हैं। तो चलिए देखते हैं क्या करके आप अपनी  हाइट बढ़ा सकते हैं।  वैसे तो हाइट बढ़ाने में  सबसे महत्वपूर्ण रोल आनुवांशिक गुण अदा करते हैं, लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपकी हाइट बढ जाए तो इसमें योग आपकी निश्चित रूप से सहायता कर सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जिनके नियमित अभ्यास से कम हाइट की समस्या से निजात मिल सकती है।

ताड़ासन 

ताड़ासन के नियमित अभ्यास से कमर आकर्षक बनती है। हाइट बढ़ती है व शरीर स्वस्थ रहता है।

क्या है स्टेप – सबसे पहले जमीन पर कंबल बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हाथों को भी सामान्य अवस्था में रखें। पूरे शरीर को स्थिर करें। उसके बाद दोनों हथेलियों की उंगलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियों को सीधी रखें फिर सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जिससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की उंगलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए. इस स्थिति में कुछ देर रहें।कुछ देर रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। इस आसन को प्रतिदिन 10-12 बार करें।

त्रिकोणासन-

त्रिकोणासन भूख, पाचन और रक्त परिसंचरण में सुधार कर, एसिडिटी, पेट फूलना आदि रोगों से राहत दिलवाता है| इस आसन में शरीर का आकार एक त्रिकोण के समान बन जाता है। इसलिए इसे त्रिकोणासन कहते हैं। 

कैसे करें  – दोनों पैरों को दो फुट की दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाइए। फिर दोनों हाथों को कंधो की समरेखा में सीधे फैलाएं। अब आपकी भुजाएं जमीन के बिल्कुल समानान्तर होनी चाहिए। धीरे-धीरे राइट ओर झुकें। लेफ्ट घुटना सीधा और तना हुआ रहे। अब राइट पैर के अंगूठे को राइट हाथ की उंगलियों से स्पर्श करें। गर्दन को थोडा-सा राइट ओर झुकाएं। अब लेफ्ट भुजा को ऊपर की ओर फैलाएं। इस स्थिति में 2-3 मिनट रहें व धीरे-धीरे सांस लें। इसी प्रकार लेफ्ट ओर भी इस प्रक्रिया को दोहराएं।

 

हलासन

हलासन में शरीर का आकार हल जैसा बनता है, इसलिए इसे हलासन कहते हैं। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हमारी रीढ़ हमेशा जवान बनी रहती है।

क्या है प्रोसेस – इसे करने के लिए पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं। दोनों हाथों को किनारे रखें और उनकी सहायता से हिप्स और पैरों को ऊपर उठाएं। सहायता के लिए दोनों हाथों को हिप्स से टिकाएं। अब दोनों पैरों से माथे के नीचे की जमीन छूने की कोशिश करें। इस दौरान गहरी सांस लें और पैरों को फिर सांस छोड़ते हुए सीधा करें। धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर लाएं और सीधे लेट जाएं। इसके नियमित अभ्यास से बाल नहीं गिरते, कब्ज, गैस व एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। दमा, कफ और दूसरे विकार भी दूर होते हैं व हाइट भी बढ़ती है।

 

शीर्षासन 

सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं।

किस तरह से स्टार्ट करें – दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियाँ जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से उपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आएं। फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर दें। इसके बाद पूरी तरह सिर के बल शरीर को टिका लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: उसी अवस्था में आने के लिए पहले पैर घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को पेट की तरफ लाते हुए पंजों को भूमि पर रख दें। फिर माथे को भूमि पर टिकाकार कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद सिर को भूमि से उठाते हुए वज्रासन में बैठकर पूर्व स्थिति में आ जाएं।

सर्वांग आसन –

सर्वांग आसन एक संपूर्ण आसन है जो एक साथ कई लाभ पहुंचा सकता है। इससे तनाव थकावट दूर होती है, भूख बढ़ती है, सिरदर्द आंखों के दर्द से राहत मिलती है। पेट से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा सर्वांग आसन चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है और आपकी याद्दाश्त भी तेज करता है।

विधि – दरी या चटाई बिछाकर पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाएं। पैर और शरीर तना हुआ रहेगा। सांस खींचकर पहले धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं, फिर कमर को और फिर चेस्ट तक के भाग को ऊपर उठाएं। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर कमर पर लगाकर कमर को थामकर रखें। इस स्थिति में पूरे शरीर का भार कंधों पर रहना चाहिए। साथ ही कंधे से कोहनी तक के भाग को फर्श से सटाकर रखें तथा ठोड़ी को चेस्ट से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाकर आसन की स्थिति में 3 मिनट तक रह सकते हैं। शरीर को ढीला छोड़कर घुटनों को मोड़कर धीरे-धीरे शरीर को हथेलियों के सहारे से सामान्य स्थिति में ले आएं।10 सेकंड तक आराम करें और पुन: इस आसन को करें। इस क्रिया को कम से कम तीन बार करें।

 

वेब डेस्क IBC24