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मेरा मानना रहा है कि देश में मौजूद कई बड़ी समस्याओं का हल एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था से निकल सकता है । क्योंकि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, प्रतिभा का पलायन जैसी बड़ी समस्याओं की जड़ कंही ना कही मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में ही है । गाहे बगाहे लोग इस समस्या के हल के रुप में वही समाधान बताते थे...जो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एतिहासिक फैसले में दिया है । निश्चित रुप से कोर्ट का ये फैसला एतिहासिक है अगर ये समय पर सही तरीके से लागू हो जाता है । हालांकि बहस इस पर भी छिड़ेगी कि क्या ये व्यवहारिक है । लेकिन मुझे लगता है कि एसा बड़ा फैसला कोर्ट ही ले सकती थी । क्योंकि प्रशासन या सरकारें खुद इतना बड़ा साहस शायद कभी नही दिखा पाती । कोर्ट की टिप्पणी एकदम सही बैठती है कि शिक्षा व्यवस्था बंट चुकी है कान्वेंट, मीडियम और सरकारी । यही वजह है कि शिक्षा आज दयनीय स्थिति तक पहुंच चुकी है । सरकारें लाख दावें करे लेकिन सरकारी स्कूलों की दशा किसी से छिपी नही है । और सबसे बड़ी बात ये कि इन स्कूलों में देश के ज्यादातर बच्चे पढ़ते हैं । सरकारों ने RTE शिक्षा का अधिकार कानून लागू किया है लेकिन...इसमें भी कई जगह से भ्रष्टाचार की खबरें हैं । सबसे बड़ी बात ये कि इसी मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की वजह से देश में कई बड़ी समस्याएं पैदा होती चली गई ।जिनका समाधान करने की सरकारें कोशिश करती रही हैं....लेकिन ये किसी पेड़ के तने काटने जैसा ही अपर्याप्त होता रहा है । क्योंकि ये समस्याएं तने के जैसे फिर उग आती हैं । इसीलिए जरुरी है कि प्रहार या इलाज जड़ पर हो ताकि ये समस्याएं जड़ से खत्म हो । बुनियाद अच्छी होगी तो फल भी अच्छा होगा, शिक्षा अच्छी होगी तो उसके परिणाम देश, समाज, राष्ट्र हर जगह अच्छे ही मिलेंगे । इसका जीता जागता उदाहरण हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था रही है। ये हमारी प्राचीन शिक्षा व्यवस्था का ही कमाल था कि हम विश्व गुरु के रुप में जाने जाते थे । अच्छी और व्यवहारिक शिक्षा प्राप्त छात्र अच्छे और कुशल नागरिक बनते थे और देश, समाज, दुनिया का भला करते थे । इसीलिए मुझे लगता है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट का ये फैसला एतिहासिक है और इसे देश भर में लागू करने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए । इसका विरोध भी होगा जो स्वाभाविक है, क्योंकि कुछ लोगों के हित इससे टकराएंगे । कोई इसे अव्यवहारिक कहेगा तो किसी का कुछ और तर्क होगा लेकिन अगर कोई बड़ा परिवर्तन देश में चाहिए तो बड़े फैसले लेने ही होंगे ।
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