News
जैसे ही ये ख़बर आई कि खिचड़ी को भारत का राष्ट्रीय भोजन घोषित किया जाने वाला है, सोशल मीडिया पर ऐसी खिच-खिच फैली कि रायता भी फेल हो गया! 4 नवंबर को विश्व खाद्य दिवस है और इससे पहले ये ख़बर आई है भारत सरकार ने खिचड़ी को ब्रैंड इंडिया फूड के तौर पर प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।
#जिएसटी /#नोटबनंदी से देश की अर्थव्यवस्था ज़ितनी #चौपट हो गयी है उसमें मे देश के पास #खीचढी के अलावा और कुछ बचता क्या है#खिचड़ी
— Ranjana Singh INC (@RanjanaINC) November 2, 2017
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने खिचड़ी के पक्ष में दिए गए अपने प्रस्ताव में ये दलील दी थी कि अमीर हो या गरीब, खिचड़ी सबका पसंदीदा खाना है, इसलिए इसे राष्ट्रीय भोजन के रूप में मंजूर किया जा सकता है। आइडिया सबको जम गया और इस फैसले पर मुहर की ख़बर भी आ गई, जब मीडिया में ये ख़बर आई तो फिर सोशल मीडिया पर भी छा गई और एक के बाद एक दिलचस्प पोस्ट्स की भरमार हो गई।
कुछ पोस्ट्स में खिचड़ी को विविधताओं में एकता वाले देश का एक ऐसा भोजन बताया गया, जो इसे सही मायनों में राष्ट्रीय भोजन का दर्जा दिलाता है। कुछ पोस्ट्स में इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि पहले जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए था क्योंकि दक्षिण भारतीय राज्यों से खिचड़ी को डोसा से कड़ा मुकाबला मिल सकता है। फेसबुक पर एक पोस्ट में अलग-अलग राज्यों में मसलन साउथ के डोसा और बिहार के लिट्टी-चोखा को भी इस वोटिंग में शामिल करने का सुझाव दिया गया।
खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित करने के पीछे एक तर्क ये भी दिया गया कि चूंकि इसमें चावल, दाल, सब्जियां, मसाले सारी चीजें होती हैं और ये कम वक्त में कम खर्च में तैयार हो जाती है तो इससे बेहतर कोई और विकल्प ब्रैंड इंडिया फूड के लिए और कोई हो ही नहीं सकती। इस बीच, ये ख़बर भी आ गई कि मास्टरशेफ संजीव कपूर के दिशानिर्देश में शनिवार को दिल्ली में 3 से 5 नवंबर को होने वाले खाद्य दिवस समारोह के तहत 800 किलो खिचड़ी एक साथ पकाई जाएगी और इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शुमार कराया जाएगा।
खिचड़ी पर सोशल मीडिया में जारी खिचखिच के बीच, ट्वीटर यूजर्स में से किसी ने पूछा कि जिसे खिचड़ी नहीं पसंद है, क्या उसे देशद्रोही माना जाएगा? दूसरे ने कहा-देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है, इसलिए खिचड़ी नेशनल फूड के लिए बिल्कुल सही विकल्प है। गोवा और अरुणाचल प्रदेश में बीफ पर पाबंदी से वहां की बीजेपी सरकारों के इनकार पर चुटकी लेते हुए पूछा गया कि क्या इन राज्यों में बीफ खिचड़ी बनेगी?
यूजर्स ने बीजेपी समर्थकों को निशाना बनाते हुए ट्वीट किया-भक्तों को गोबर और गोमूत्र को राष्ट्रीय भोजन नहीं घोषित करने पर हताशा हो रही है। किसी ने हंगर इंडेक्स में भारत के सौवें नंबर पर होने को लेकर खिचड़ी से जोड़ा कि अब खिचड़ी खाकर राष्ट्रभक्ति का परिचय दें। एक और यूजर ने ट्वीट किया-देश चूंकि लूज़मोशन (दस्त) से गुजर रहा है, इसलिए खिचड़ी परफेक्ट नेशनल फूड है।
एक अन्य ने ट्वीट किया-खिचड़ी अगर नेशनल फूड है तो रायता को नेशनल ड्रिंक घोषित करना चाहिए। एक यूजर ने कहा कि जुमलों की खिचड़ी से आगे बढ़ कर अब बीरबल की खिचड़ी का अनुभव करना चाहिए। खिचड़ी को नापसंद करने वाले एक यूजर ने लिखा कि अगर खिचड़ी नेशनल फूड घोषित होने जा रही है तो फिर इसका प्रस्ताव देने वाले को नेशनल इडियट घोषित किया जाना चाहिए।
परमेंद्र मोहन, वेब डेस्क, IBC24
Trending News
जनता मांगे हिसाब: वैशाली की जनता ने मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: बैहर और सारंगपुर की जनता मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: सुवासरा और बुरहानपुर की जनता ने मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: पानसेमल और ब्यौहारी की जनता ने मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: साजा की जनता ने जिम्मेदारों से मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब में छत्तीसगढ़ की प्रेमनगर विधानसभा सीट का मिजाज
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में लोरमी की जनता ने रखी बात
22-Apr-18 12:20जनता मांगे हिसाब: धरमपुरी और रैगांव की जनता ने मांगा हिसाब
22-Apr-18 12:20Related News