अमेजन ‘रिश्वत’ मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से करायी जाए : कांग्रेस |

अमेजन ‘रिश्वत’ मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से करायी जाए : कांग्रेस

अमेजन ‘रिश्वत’ मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से करायी जाए : कांग्रेस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 01:52 PM IST, Published Date : October 11, 2021/10:17 pm IST

पटना, 11 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने तथाकथित अमेजन रिश्वत मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से कराये जाने की मांग की है ।

पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम’ में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए सहाय ने कहा कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन अमेजन की छह कंपनियों द्वारा पिछले दो साल में भारत में कानूनी फीस के नाम पर 8,546 करोड़ का भुगतान किया गया।

उन्होंने कहा कि इस कंपनी द्वारा द्वारा तथाकथित रिश्वत की यह रकम क्यों और किसे दी गई।

सहाय ने कहा कि पिछले 4 साल में 14 करोड़ रोजगार खत्म हो चुके हैं। दुकानदार, छोटे उद्योग (एमएसएमई) सबका धंधा चौपट है। उन्होंने कहा कि अब सनसनीखेज खुलासे में यह साफ हो गया है कि करोड़ों दुकानदारों, छोटे उद्योगों एवं युवाओं की नौकरियां खत्म होने का असली कारण क्‍या है।

सहाय ने सवाल किया कि क्‍या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून व नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनी का व्यवसाय चल सके।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इन कंपनियों का परस्पर रिश्ता क्‍या है व किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक संबंध हैं तथा यह पैसा निकालकर किसको व किस प्रकार से भुगतान किया गया।

सहाय ने कहा कि अमेरिका व भारत दोनों देशों में लॉबिंग व रिश्वत का पैसा देना अपराध है तथा गैर कानूनी है तो फिर मोदी सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी रकम रिश्वत में कैसे और किसे दी गई।

उन्होंने पूछा कि क्या विदेशी कंपनी द्वारा 8,545 करोड़ की तथाकथित रिश्वत की दी गई रकम अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ व समझौता नहीं है । सहाय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप क्‍यों हैं। सहाय ने पूछा, क्‍या वह अमेरिका के राष्ट्रपति से अमेजन कंपनी के खिलाफ कथित रिश्वत घोटाले में अपराधिक जांच की मांग करेंगे।

उन्होंने पूछा कि क्‍या देश में इस कथित रिश्वत घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश से नहीं करवाई जानी चाहिए?

भाषा अनवर प्रशांत

प्रशांत

 

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