बिहार विधानसभा परिसर में वाहन रोके जाने पर मंत्री भडके, सदन में मामला उठाया |

बिहार विधानसभा परिसर में वाहन रोके जाने पर मंत्री भडके, सदन में मामला उठाया

बिहार विधानसभा परिसर में वाहन रोके जाने पर मंत्री भडके, सदन में मामला उठाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 02:18 AM IST, Published Date : December 2, 2021/7:44 pm IST

पटना, दो दिसंबर (भाषा) बिहार विधानसभा परिसर के अंदर वाहनों की आवाजाही का प्रबंधन करने वाले पुलिस कर्मियों द्वारा बृहस्पतिवार को वाहन रोके जाने को श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा ने इसे अपना ‘‘अपमान’’ बताते हुए इस मामले को सदन में उठाया ।

मिश्रा ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि आज वह सदन में पांच मिनट विलंब से इसलिए पहुंचे क्योंकि उनकी गाडी को रोक दिया गया क्योंकि उस वक्त जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की गाडी आ रही थी, वह भी उस गेट से जिससे मुख्यमंत्री परिसर में आते हैं ।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे लगा कि संभवतः मुख्यमंत्री या आप आ रहे हैं पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के लिए मेरे वाहन को रोका गया।’’

उन्होंने अध्यक्ष से कहा कि वह उन्हें आश्वासन दें कि दोषी अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई हो, नहीं तो अगर जनप्रतिनिधियों को इस तरह से अपमानित किया जाएगा तो यह उचित नहीं है।

उन्होंने अध्यक्ष से इस मामले में संरक्षण का आग्रह करते हुए कहा कि जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक अथवा सरकार या मंत्री, इनमें कौन बड़ा है, यह आसन आज तय करे।

मंत्री द्वारा इसको लेकर अपनी नाराजगी जताए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आज उनके साथ सदन परिसर में जो कुछ बातें हुई हैं, बडे़ ही आहत भावना से उसका उन्होंने जिक्र किया है ।

उन्होंने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि जब सरकार की मंशा किसी भी विधायक की भावना को आहत करने की नहीं होती है ऐसे में मंत्री तो सरकार के अंग होते हैं ।

चौधरी ने अध्यक्ष से कहा कि यह आपके क्षेत्राधिकार का मामला है और संबंधित मंत्री ने भी आपसे संरक्षण मांगा है, हम सरकार की तरफ से सदन को आश्वस्त करते हैं कि जिस अधिकारी के द्वारा इस प्रकार का दुर्व्यवहार या व्यवहार मंत्री जी के साथ किया गया होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।

विधानसभा अध्यक्ष से इसे बहुत गंभीर मामला बताते हुए कहा कि उन्होंने वर्तमान सत्र के पहले दिन ही सदन की गरिमा को बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया था, इस मामले को कार्य मंत्रणा समिति में देखा जाएगा ।

हालांकि सरकार के साथ-साथ अध्यक्ष का आश्वासन विपक्षी विधायकों को शांत करने में विफल रहे जो लगातार नौकरशाही की निंदा करते हुए नारे लगाते रहे।अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही लगभग 15 मिनट के लिए स्थगित करते हुए उत्तेजित सदस्यों को पूर्वाह्न पौने बारह बजे कामकाज फिर से शुरू होने से पहले अपने कक्ष के अंदर मिलने के लिए कहा।

मंत्री के साथ हुए इस व्यवहार पर विपक्ष दलों के विधायकों में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में राजद के आलोक मेहता, ललित यादव और प्रह्लाद यादव, कांग्रेस के अजीत शर्मा और भाकपा माले के महबूब आलम प्रमुख थे।

इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल इसको लेकर कडा विरोध जताते हुए कहा ,‘‘जीवेश मिश्रा जी के साथ विधानसभा प्रांगण में जो भी घटना घटी है उस पर मुझे पूरा विश्वास है की विधानसभा अध्यक्ष अवश्य ही संज्ञान लेंगे।’’

जायसवाल ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी पूरे भारत में जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ हर तरह के शिष्टाचार का पालन करते हैं पर बिहार में अधिकारी जनता के सेवक के बदले राजतंत्र की तरह व्यवहार करते हैं।

भाषा अनवर

राजकुमार

राजकुमार

 

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