बिहार विधानसभा परिसर में मंत्री की गाड़ी रोके जाने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश: उपमुख्यमंत्री |

बिहार विधानसभा परिसर में मंत्री की गाड़ी रोके जाने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश: उपमुख्यमंत्री

बिहार विधानसभा परिसर में मंत्री की गाड़ी रोके जाने की उच्चस्तरीय जांच के आदेश: उपमुख्यमंत्री

:   Modified Date:  November 28, 2022 / 11:27 PM IST, Published Date : December 3, 2021/11:07 pm IST

पटना, तीन दिसंबर (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा परिसर में श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा की गाड़ी को रोके जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार मिश्रा से जुड़े मामले को सदन की कार्य मंत्रणा समिति में उठाया गया था जिसके बाद सरकार ने उच्चस्तरीय अधिकारियों को जांच करने को कहा है ताकि कार्रवाई की जा सके।

बिहार विधानसभा परिसर में बृहस्पतिवार को मिश्रा ने अपने वाहन को ड्यूटी पर तैनात एक यातायात पुलिसकर्मी द्वारा पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के काफिले के गुजरने तक रोके जाने पर इसे जनप्रतिनिधि का ‘‘अपमान’ बताते हुए सदन में उठाया था और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

मिश्रा ने शुक्रवार को सदन को बताया कि पटना के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बृहस्पतिवार देर रात उनसे उनके आवास पर मुलाकात कर इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए क्षमा मांगी थी पर वह इस शर्त पर तब क्षमा करने को तैयार हुए जब उन्होंने कहा कि इसकी जांच होगी और उचित कार्रवाई होगी।

भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने जानना चाहा कि इस मामले की जांच जिस एजेंसी को सौंपी गई है क्या उसमें जिले के पुलिस और प्रशासन के प्रमुख शामिल हैं।

आलम की पार्टी के सहयोगी सत्यदेव राम ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निलंबन की मांग करते हुए कहा कि यदि वे अपने संबंधित पदों पर बने रहे तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

राजद विधायक रामानुज प्रसाद ने आश्चर्य जताया कि जांच की औपचारिकता की आवश्यकता क्यों है और क्या सरकार को लगता है कि उसके अपने मंत्री ने सदन के पटल पर झूठ बोला था।

वहीं, कांग्रेस के विजय शंकर दुबे ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों के व्यक्तिगत रूप से मंत्री से मिलकर माफी मांगने पर भी इसे दबाया नहीं जाना चाहिए क्योंकि इसे मंत्री द्वारा सदन के भीतर स्वयं उठाए जाने से अब यह सदन की जिम्मेदारी बनती है कि उसपर निर्णय ले।

एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि ऐसा लगता है कि सत्ता पक्ष के विधायकों को मंत्री के साथ घटी इस घटना की कोई परवाह नहीं है क्योंकि विपक्षी सदस्य ही इस मामले में मंत्री के साथ खडे़ दिख रहे हैं ।

भाजपा विधायक दल के नेता नंद किशोर यादव ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन के सदस्यों को विधायकों की गरिमा के लिए अध्यक्ष की चिंता पर संदेह नहीं है। उन्हें अध्यक्ष पर भरोसा करना चाहिए और आश्वस्त रहना चाहिए कि उचित कार्रवाई की जाएगी।

भाषा अनवर नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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