उपचुनावों में राजद की जीत होने पर बिहार में ‘‘खेला’’ हो सकता है : तेजस्वी |

उपचुनावों में राजद की जीत होने पर बिहार में ‘‘खेला’’ हो सकता है : तेजस्वी

उपचुनावों में राजद की जीत होने पर बिहार में ‘‘खेला’’ हो सकता है : तेजस्वी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 06:57 PM IST, Published Date : October 19, 2021/12:40 am IST

पटना, 18 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को दावा किया कि बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनावों में उनकी पार्टी की जीत के बाद राजनीतिक उथल-पुथल मच जाएगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) कम बहुमत से सरकार चला रही है।

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में राजद उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए इस आशय की टिप्पणी की। चुनावी रैली में उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम यहां (तारापुर) और कुशेश्वरस्थान में जीत हासिल करते हैं, तो आप कुछ महीनों के दौरान एक खेला देख पाएंगे।’’ वह परोक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में कुछ महीने पहले हुए हाई वोल्टेज विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस द्वारा गढे गए नारे से प्रभावित होते हुए यह बात (खेला) कही।

राजद ने पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनावों में 75 सीटें हासिल की थीं, जो भाजपा के मुकाबले एक अधिक थी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू (50 से कम सीटें) की तुलना में काफी अधिक थी।

बहरहाल 243 सदस्यों वाली विधानसभा में राजग जिसमें कुछ छोटे दल भी शामिल थे, को कम बहुमत मिला था। राजद के नेतृत्व वाला पांच पार्टी के महागठबंधन जिसमें कांग्रेस और वामपंथी शामिल थे, जादुई आंकडे से लगभग 10 सीटों से पीछे रह गयी थी जिसको लेकर विपक्षी गठबंधन कड़ी टक्कर वाली सीटों में ‘‘हेरफेर’’ का आरोप लगाती रही है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने जदयू विधायक मेवालाल चौधरी की मौत के लिए नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ‘‘यह कहना गलत है कि कोरोना महामारी ने विधायक को मार डाला। उनकी मृत्यु के लिए एक विफल स्वास्थ्य प्रणाली जिम्मेदार है।’’ चौधरी की मृत्यु के कारण तारापुर सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में करीब दो साल तक उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि कुशेश्वरस्थान की आरक्षित सीट से जदयू विधायक शशि भूषण हजारी की मृत्यु इसी तरह राज्य में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं का परिणाम थी।

उन्होंने पूछा, ‘‘हेपेटाइटिस जैसी सामान्य बीमारी के इलाज के लिए उन्हें दिल्ली क्यों ले जाया जाएगा।’’

हालांकि राजद जदयू की इन दोनों सीटों पर कब्जा करने के प्रति आश्वस्त दिख रही है, लेकिन उसे दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस से चुनौती मिल रही है।

विपक्षी महागठबंधन में शामिल इन दोनों सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस के एक-दूसरे के वोट काटने की स्थिति में जदयू उम्मीदवार को फायदा हो सकता है।

इन दोनों सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होना है।

भाषा अनवर अर्पणा

अर्पणा

 

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