बिहार : पसमांदा मुस्लिम संगठन ने अपने समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

बिहार : पसमांदा मुस्लिम संगठन ने अपने समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

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  • Publish Date - July 21, 2022 / 07:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 11:35 AM IST

पटना, 21 जुलाई (भाषा) ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कथित नफरत फैलाने वाले लोगों को ‘‘नफरती अभियान’’ में शामिल होने से रोकने का आग्रह किया है।

ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के संस्थापक अध्यक्ष अली अनवर ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने खुले पत्र में कहा है, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपने अपनी पार्टी के लोगों से पसमांदा मुसलमानों के लिए ‘‘स्नेह’’ यात्रा निकालने को कहा है। यह तभी कारगर साबित होगा जब समाज में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘ नफरती बयान और बुलडोजर भी चलते रहे, तब भला स्नेह यात्रा का क्या मतलब है। क्या मुसलमानों को लक्षित कर जो नफरती अभियान चलाया जा रहा है, उसे आप रोकेंगे।’’

अनवर ने पत्र में आगे लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, भाजपा वोट के लिए ही सही यदि सचमुच पसमांदा की तरफ हाथ बढ़ाना चाहती है, तो क्या आप सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों के अनुरूप पसमांदा मुसलमानों की करीब एक दर्जन जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करेंगे।’’

अनवर जो कुछ साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अचानक भाजपा से हाथ मिलाने तक जदयू में थे, ने सोशल मीडिया पर अपने खुले पत्र की एक प्रति साझा की है।

हाल ही में हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दलितों को एकजुट करने के उद्देश्य से ‘‘स्नेह यात्रा’’ के लिए मोदी के आह्वान का उल्लेख करते हुए अनवर ने कहा कि पसमांदा मसुलमानों को ‘‘स्नेह नहीं सम्मान’’ चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण चाहे भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) करे या एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन)के असदुद्दीन ओवैसी या अन्य कोई करे। दोनों तरह के लोग अपने कार्यों से एक दूसरे को मजबूत बनाने का काम करते हैं।’’ अनवर ने कहा, ‘‘ एक की विचारधारा ‘‘मनुवादी’’ है तो दूसरे की ‘‘इब्लिसवादी’’ है।’’

अनवर ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के मुस्लिम नेता पार्टी के दूसरे नेताओ से ज्यादा मौजूदा सरकार की कई विवादास्पद नीतियों एवम निर्णयों का समर्थन करते देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमान होना और मुसलमानों का हमदर्द और नेता होना दोनों में बहुत फर्क है।

भाषा अनवर धीरज

धीरज