कुढनी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त

कुढनी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त

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  • Publish Date - December 4, 2022 / 12:50 AM IST,
    Updated On - December 4, 2022 / 12:50 AM IST

पटना, तीन दिसंबर (भाषा) बिहार के कुढनी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव लिए प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया।

इस उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान होना है और परिणाम आठ दिसंबर को घोषित होंगे। इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीधा मुकाबला है।

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 71 वर्षीय नीतीश ने एक रैली को संबोधित किया।

यदि पूर्व विधायक एवं जदयू के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा इस चुनाव में जीतते हैं, तो यह धारणा पुख्ता होगी कि मुख्यमंत्री प्रदेश की राजनीति में एक ‘‘एक्स फैक्टर’’ (महत्वपूर्ण) बने हुए हैं।

कुढनी विधानसभा सीट से कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन प्रदेश में सत्ताधारी जदयू और विपक्षी भाजपा करीब चार महीने पहले एक-दूसरे से अलग होने के बाद पहली बार इस उपचुनाव में आमने-सामने हैं।

कुढनी सीट पर उपचुनाव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक अनिल सहनी की अयोग्यता के बाद जरूरी हो गया था। सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया गया था और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई। बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में सबसे बडी पार्टी राजद ने यह सीट अपनी सहयोगी जदयू के लिए छोड़ दी है। कुशवाहा को प्रदेश में सत्ताधारी सात दलों के महागठबंधन का समर्थन हासिल है। उनके खिलाफ प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने केदार प्रसाद गुप्ता को मैदान में उतारा है ।

नीतीश ने अगस्त में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़कर प्रदेश में ‘महागठबंधन’ की नई सरकार बना ली थी। इसके कारण सत्ता से बाहर हुई भाजपा को केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जन शक्ति (रामविलास) का समर्थन प्राप्त है।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता गुप्ता राजद के अनिल कुमार सहनी से 700 से अधिक मतों से हार गए थे।

राजद नेता एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जदयू उम्मीदवार के पक्ष में चार रैलियां कीं और उन्हें मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया।

इस बीच विकास इंसान पार्टी (वीआईपी) और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी भाजपा और जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। वीआईपी ने जहां नीलाभ कुमार को मैदान में उतारा है, वहीं एआईएमआईएम ने ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के पूर्व सदस्य मोहम्मद गुलाम मुर्तजा को उम्मीदवार बनाया है।

भाषा अनवर सिम्मी

सिम्मी