देश को मजबूर नहीं, मजबूत नेतृत्व चाहिए: शाह

देश को मजबूर नहीं, मजबूत नेतृत्व चाहिए: शाह

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 02:44 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 02:44 PM IST

मधुबनी, 29 अप्रैल (भाषा) केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने विपक्षी ‘‘इंडिया’’ गठबंधन के पास अगले पांच सालों के लिए प्रधानमंत्री पद का कोई एक चेहरा नहीं होने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘देश को मजबूर नहीं, मजबूत नेतृत्व’’ चाहिए।

बिहार के झंझारपुर संसदीय क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने जनता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश दिए जाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला अंतर्गत फुलपरास विधानसभा क्षेत्र जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने किया था, का सम्मान कांग्रेस और राजद की सरकारों ने नहीं किया पर ‘‘हमारे नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करके बिहार के समस्त पिछड़े समाज को सम्मान प्रदान किया है।’’

शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़े समाज से आते हुए जो लोकप्रियता हासिल की वह आज भी कई लोगों की ईर्ष्या का कारण बनी हुई है।

शाह ने कहा, ‘‘गरीब घर से आने वाले कर्पूरी ठाकुर जी ने बिहार में गरीब, दलित और पिछड़ों की आवाज बुलंद की थी और गरीब चाय वाले के घर में जन्म लेने वाले मोदी जी भी देश भर के पिछड़ों, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और वंचितों का कल्याण करने वाले नेता के रूप में उभरे हैं।’’

उन्होंने मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे बिहार की राजनीति में जातिवाद समाप्त हो जाएगा और योग्यता के आधार पर राजनीति की शुरूआत होगी तथा बिहार एवं देश के अंदर से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा।

शाह ने कहा कि देश के खजाने की पाई-पाई, जिस पर गरीब का अधिकार है, वह गरीब को मिले इसके लिए नरेन्द्र मोदी जी का जीतना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप सोचिए कि अगर यह ‘घमंडिया इंडी गठबंधन’ जीतता है तो देश का प्रधानमंत्री कौन होगा, क्योंकि इनके पास तो ऐसा कोई नेता नहीं है। मुझे बताइए क्या लालू प्रसाद को देश का प्रधानमंत्री बना सकते हैं? क्या स्टालिन या ममता बनर्जी इस पद को संभाल सकते हैं? राहुल बाबा के बारे में क्या दूर-दूर तक भी सोच सकते हैं? अगर भगवान ना करें, ‘इंडी’ गठबंधन की सरकार आई तो इन्होंने कहा था कि एक-एक साल हम प्रधानमंत्री पद बांट लेंगे। एक साल शरद पवार, एक साल लालू जी, एक साल ममता जी, एक साल स्टालिन और कुछ समय बचेगा तो राहुल बाबा बनेंगे। देश इस तरह से चल सकता है क्या?’’

शाह ने कहा कि जब देश पर कोरोना का संकट आया तो ‘मजबूत नेतृत्व’ ने देश को संभालकर इससे बाहर निकाला।

उन्होंने कहा कि देश पर आतंकवाद का साया था तो देश के मजबूत नेतृत्व, नरेन्द्र मोदी जी ने देश को इससे बाहर निकाला।

गृह मंत्री ने कहा कि देश और बिहार में नक्सलवाद था तो इसे खत्म करने का काम ‘मजबूत नेतृत्व’ ने किया और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही जी-20 का आयोजन हुआ व पूरी दुनिया में भारत का सम्मान भी ‘मजबूत नेतृत्व’ ने ही बढ़ाया।

उन्होंने कहा, ‘‘देश को मजबूर नेतृत्व नहीं चाहिए, देश को मजबूत नेतृत्व चाहिए।’’

भाषा अनवर मनीषा वैभव

वैभव