मुजफ्फरपुर/पटना, दो दिसंबर (भाषा) बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले सप्ताह मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने के मामले में बृहस्पतिवार को 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई ।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने कहा कि ब्रह्मपुरा थाने में दर्ज करायी गयी उक्त प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं उनमें डॉक्टर एनपी साहू जिन्होंने 22 नवंबर को आयोजित शिविर में सर्जरी की थी, पैरामेडिक्स जिन्होंने उनकी सहायता की थी और मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल जहां ऑपरेशन हुआ, के प्रबंधन के लोग शामिल हैं।
मुजफ्फरपुर शहर के जूरन छपरा मोहल्ले में स्थित उक्त चैरिटेबल अस्पताल में कुल 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था। कुछ ही दिनों में उनमें से कई मरीजों ने दर्द और अन्य जटिलताओं की शिकायत की । चार रोगियों की आंखों को आई हॉस्पिटल में निकाल दिया गया था ताकि संक्रमण को शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जा सके। बाद में11 अन्य लोगों को श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
एसकेएमसीएच नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर आर के सिंह ने बताया कि उनके अस्पताल में कुल 22 ऐसे मरीजों को भर्ती कराया गया था जिसमें से 11 की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा,‘‘ उक्त नेत्र अस्पताल को अगले आदेश तक किसी भी तरह की सर्जरी करने से रोक दिया गया है। हमने उन सभी का ब्योरा हासिल कर लिया है जिनका शिविर में ऑपरेशन किया गया था। उनका पता लगाया जा रहा है और जांच के लिए ले जाया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि संक्रमण के प्रकार का पता लगाने के लिए नमूने एकत्र किए गए हैं और परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। इस बीच इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य को नोटिस भेजे जाने के साथ विपक्ष ने विधानमंडल के जारी शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया है।
बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा द्वारा बृहस्पतिवार को एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया गया जिन्होंने इस दुखद प्रकरण पर सदन के भीतर विस्तृत चर्चा की मांग की गई।
भाषा सं अनवर
शोभना
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