वकीलों को सोच में तर्कसंगत, स्वभाव से तथ्यान्वेषी होना चाहिए : सीजेआई |

वकीलों को सोच में तर्कसंगत, स्वभाव से तथ्यान्वेषी होना चाहिए : सीजेआई

वकीलों को सोच में तर्कसंगत, स्वभाव से तथ्यान्वेषी होना चाहिए : सीजेआई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 11:14 AM IST, Published Date : September 24, 2022/10:24 pm IST

पटना, 24 सितंबर (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने शनिवार को कहा कि वकीलों को सोच में तर्कसंगत और स्वभाव से तथ्यान्वेषी होना चाहिए।

न्यायमूर्ति ललित ने पटना में भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि अधिवक्ताओं का उद्देश्य कानून के शासन को बनाए रखना होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘वकीलों को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका उद्देश्य और आदर्श वाक्य कानून के शासन को बनाये रखना हो। अधिवक्ताओं के पास जनता के मनोमस्तिष्क में मौलिक जानकारियां पहुंचाने का एक अद्भुत गुण है। उन्हें सोच में तर्कसंगत और स्वभाव से तथ्यान्वेषी होना चाहिए।’’

सीजेआई ने कहा कि युवा वकीलों को उन जानेमाने स्वतंत्रता सेनानियों में निहित गुणों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जो वकील थे।

न्यायमूर्ति ललित ने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि कई स्वतंत्रता सेनानी कानूनी पेशे से जुड़े थे। युवा वकीलों की समाज में बड़ी भूमिका होती है।’’

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका राष्ट्र के हित में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों स्तंभों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।’’

लंबित मामलों में कमी लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘… मध्यस्थता और पंचाट जैसे वैकल्पिक तरीकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।’’

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से देश में 1,800 फास्ट-ट्रैक अदालतों को शीघ्र कार्यशील बनाने की अपील की।

भाषा सुरेश माधव

माधव

 

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