बिहार में नीतीश ही राजग हैं: कुशवाहा |

बिहार में नीतीश ही राजग हैं: कुशवाहा

बिहार में नीतीश ही राजग हैं: कुशवाहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 06:13 AM IST, Published Date : July 2, 2022/10:17 pm IST

पटना, दो जुलाई (भाषा) प्रमुख सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक प्रकार से झिड़कते हुए जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि बिहार में जबतक राजग एक प्रबल शक्ति रहेगा तबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसका चेहरा रहेंगे।

विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ किसी भी प्रकार के गठजोड़ की अटकलों को खारिज करते हुए कुशवाहा ने हालांकि माना कि दोनों दलों की ‘एक जैसी विचारधाराएं’ हैं लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी द्वारा सिद्धांतों को आचरण में उतारने में विफल रहने पर ही जदयू भाजपा के साथ गया जिसके साथ उसका नजरिया नहीं मिलता है।

कुशवाहा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में नीतीश कुमार राजग हैं और राजग नीतीश कुमार है। जब से यह गठबंधन राज्य में अस्तित्व में आया तब से वह इसकी अगुवाई कर रहे हैं। यहां जबतक राजग रहेगा तबतक वह ऐसा करते रहेंगे।’’

वह केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान के हाल के इस बयान के संबंध में पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि कुमार अपना वर्तमान कार्यकाल पूरा करेंगे। प्रधान ने हाल की अपनी पटना यात्रा के दौरान जदयू के साथ मतभेदों को दूर करने का प्रयास किया था।

कुशवाहा ने कहा, ‘‘ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कोई भाजपा नेता क्या कहता है। किसी को भी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। चाहे 2024 हो या 2025, नीतीश कुमार ही राजग के नेता रहेंगे।’’

कुमार के खिलाफ एक बार बगावत करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा पिछले साल अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय कर जदयू में लौट आये।

वरिष्ठ जदयू नेता ने भाजपा नेताओं को कुमार के उत्तराधिकारी का प्रश्न उठाकर ‘कार्यकर्ताओं के मन में कोई भ्रम नहीं पैदा करने’ की सलाह दी।

कुशवाहा से महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में भी सवाल पूछा गया जहां भाजपा शिवसेना के बागी गुट को समर्थन देकर सत्ता में लौट आयी है। उनसे पूछा गया कि क्या बिहार में भी ऐसी ही उथल-पुथल की संभावना है जहां राजद ने हाल में जदयू के प्रति अपना रूख नरम कर मिला-जुला संकेत दिया है।

कुशवाहा ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की स्थिति बिहार की स्थिति से बिल्कुल भिन्न है। उस राज्य में ऐसा जान पड़ता है कि उन दो दलों में पुन: सुलह हुई जो , हिंदुत्व के प्रति कटिबद्धता के प्रश्न पर वैचारिक रूप से एक हैं। बिहार में भाजपा का कोई वैचारिक सहकर्मी नहीं है। वैचारिक रूप से समान धरातल पर नहीं होने के बाद भी हम सहयोगी हैं।’’

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश

 

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