मकान गिराये जाने पर अदालत ने कहा, भू-माफियाओं के साथ घनिष्ठ संबंध है पुलिस का |

मकान गिराये जाने पर अदालत ने कहा, भू-माफियाओं के साथ घनिष्ठ संबंध है पुलिस का

मकान गिराये जाने पर अदालत ने कहा, भू-माफियाओं के साथ घनिष्ठ संबंध है पुलिस का

:   Modified Date:  December 4, 2022 / 06:30 PM IST, Published Date : December 4, 2022/6:30 pm IST

पटना, चार दिसंबर (भाषा) पटना उच्च न्यायालय ने बिहार की राजधानी में पुलिस द्वारा एक संपत्ति को कथित तौर पर ‘‘अवैध तरीके से तोड़े जाने’’ पर कड़ी फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि संबंधित अधिकारी का भूमाफिया के साथ ‘‘घनिष्ठ संबंध’’ प्रतीत होता है।

पटना शहर के बहादुरपुर इलाके की रहने वाली सजोगा देवी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल न्यायाधीश की पीठ ने यह टिप्पणी की।

याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए अदालत का रुख किया था कि उसके घर का ‘‘कुछ हिस्सा’’ पुलिस द्वारा ‘‘अवैध रूप से’’ ध्वस्त कर दिया गया था, हालांकि उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था।

अदालत ने 10 नवंबर को अगमकुआं के थाना अध्यक्ष, संबंधित थाने और राज्य को एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था, और आदेश दिया था कि ‘‘पुलिस अधिकारियों और अन्य प्रतिवादियों को याचिकाकर्ता के घर के पास जाने से रोका जाए।’’

मामले की 24 नवंबर को अगली सुनवाई हुयी । सोशल मीडिया पर वायरल इस सुनवाई की एक कथित वीडियो क्लिप में अदालत को यह कहते सुना जा सकता है, ‘इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सभी सरकारीकर्मी कुछ भूमाफिया के साथ सांठ-गांठ किए हुए है और उन्होंने याचिकाकर्ता के घर को बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए अवैध ढंग से ढहा दिया है ।

वीडियो में यह भी कहते सुना जा सकता है, ‘‘भूमि विवादों को चिन्हित कर क्या थाना को ही उसपर कार्रवाई करने की शक्ति दे दी गयी है। आपकी समस्या है तो चले जाईए थाना, पैसा दे दीजिए और घर तुड़वा दीजिए किसी का। कोर्ट को बंद कर दीजिए।’’

याचिकाकर्ता के यह गुहार लगाए जाने पर कि मुझपर दबाव बनाने के लिए झूठा मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है, अदालत द्वारा इस मामले में संबंधित थाना द्वारा याचिकाकर्ता और उनके परिवार के आरोपित सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गयी ।

वीडियो क्लिप की सत्यता हालांकि तत्काल सत्यापित नहीं हो पायी है और उसमें मौखिक टिप्पणियां सुनाई दे रही है कि पुलिस ने एक दीवानी अदालत की भूमिका निभाई है । ‘‘बुलडोजर’’ शब्द को उद्धरित करते हुए कहा गया है, ‘‘क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा। ऐसा कौन पावरफुल आदमी है कि बुलडोजर लेकर तोड दिए। किसका आप प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, सरकार का या किसी व्यक्ति विशेष का । तमाशा बना दिया कि किसी का घर बुलडोजर से तोड देंगे।’’

वीडियो क्लीप में यह भी कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘घर तोडने का मुआवजा पांच-पांच लाख इनसे हम दिलवाएंगे । पुलिस और अंचलाधिकारी घूस लेकर घर तुड़वा रहा है ।’’

अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 08 दिसंबर तय की है तथा संबंधित अधिकारियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है ।

अदालत ने चेताया कि सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित होने में विफल रहने वाले उत्तरदाताओं के खिलाफ उचित आदेश पारित किया जाएगा।

भाषा अनवर रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)