पटना उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मौत की सजा प्राप्त दो लोगों को बरी किया

पटना उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मौत की सजा प्राप्त दो लोगों को बरी किया

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  • Publish Date - July 24, 2021 / 09:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:34 AM IST

पटना, 24 जुलाई (भाषा) पटना उच्च न्यायालय ने शनिवार को दो लोगों को बरी कर दिया जिन्हें बिहार के भोजपुर जिले में 2018 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या के लिए निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार सिंह और न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने भोजपुर जिला के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश बच्चों का यौन शोषण से संरक्षण संबंधी कानून पोक्सो के तहत 2019 में मौत की सजा दिए जाने को खारिज कर दिया।

पीठ का विचार था कि अभियोजन पक्ष ‘‘अपने मामले को साबित करने में विफल रहा।’’

घटना जनवरी 2018 में बरहड़ा थाने के एक गांव में हुई जब 16 वर्षीय लड़की अपने घर से लापता हो गई और कुछ दिनों बाद उसका शव नजदीक के खेतों से बरामद हुआ।

उसके पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए दो लोगों को आरोपी बनाया।

उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने में विलंब होने और जांच को ‘‘लापरवाही’’से करने पर भी नाखुशी जताई और कहा कि जांच अधिकारी ‘‘उस स्थान की जांच करने में भी विफल रहे जहां पीड़िता से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार हुआ और उसकी हत्या की गई।’’

भाषा नीरज नीरज माधव

माधव