पटना समाहरणालय: डच कालीन ऐतिहासिक भवन ढहा दिया गया, कुछ खंभे संरक्षित रखे गये

पटना समाहरणालय: डच कालीन ऐतिहासिक भवन ढहा दिया गया, कुछ खंभे संरक्षित रखे गये

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  • Publish Date - January 28, 2023 / 06:22 PM IST,
    Updated On - January 28, 2023 / 06:22 PM IST

(तस्वीर के साथ)

पटना, 28 जनवरी (भाषा) स्तंभ आधारित गलियारे वाले पटना समाहरणालय के डचकालीन रिकार्ड रूम भवन को ढहा दिया गया है लेकिन इस ऐतिहासिक भवन के कुछ खंभों को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित रखा गया है। ऑस्कर विजेता फिल्म ‘गांधी’ में इस भवन को दिखाया गया है।

पटना में गंगा नदी के तट पर उत्तर से दक्षिण की ओर स्थित 300 साल पुराने इस ऐतिहासिक भवन में ऊंची छतें, विशाल दरवाजे और छत में अनोखे रोशनदान हैं। यह 12 एकड़ में फैले पुराने समाहरणालय में सबसे पुराना ढांचा भी था।

इस ऐतिहासिक समाहरणालय परिसर की तकदीर पिछले साल 13 मई को तब तय हो गयी थी जब उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के धरोहर संगठन इनटैक द्वारा उसके संरक्षण के लिए किया गया आग्रह खारिज कर दिया था और बिहार सरकार द्वारा उसे ढहाये जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।

अगले ही दिन बुलडोजर इस विशाल परिसर में पहुंच गये और तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू हो गयी। सबसे पहले, 1938 में बनी डिस्ट्रिक्ट बोर्ड पटना बिल्डिंग पर गाज गिरी। इससे धरोहर प्रेमियों एवं गांधीवादियों में शोक छा गया।

सत्रह मई तक ब्रिटिश कालीन ढांचे और डच कालीन रिकार्ड रूप भवन को मलबे में तब्दील कर दिया गया लेकिन सामने के कुछ हिस्से को छोड़ दिया गया क्योंकि रिकार्ड रूम कार्यालय में अब भी चीजें थीं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार रिकार्ड रूम के पुराने दस्तावेजों एवं दफ्तर को पिछले कुछ महीनों में गांधी मैदान के समीप एक अन्य भवन में स्थानांतरित कर दिया तथा डचकालीन भवन के बाकी हिस्से को भी दिसंबर आखिर तक ढहा दिया गया।

उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘ हमने आगे के कुछ खंभों को सुरक्षित रख लिया है। पुनर्विकास काम के लिए तोड़फोड़ का काम करने के दौरान इन खंभों को गिराना वाकई अभियांत्रिकी चुनौती थी। जब नया समाहरणालय परिसर बन जाएगा तो इन खंभों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि लोग आधुनिक ढांचे और अतीत के हिस्से को भी देख सकें।’’

उन्होंने कहा कि पुराने समाहरणालय पर ऐतिहासिक सूचना को प्रदर्शित करने वाला एक भी बोर्ड भी लगाया जाएगा।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव