आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया विरोधः छात्र संगठनों के बिहार बंद के समर्थन में विपक्षी दल सडकों पर उतरे, बंद से जनजीवन प्रभावित |

आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया विरोधः छात्र संगठनों के बिहार बंद के समर्थन में विपक्षी दल सडकों पर उतरे, बंद से जनजीवन प्रभावित

आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया विरोधः छात्र संगठनों के बिहार बंद के समर्थन में विपक्षी दल सडकों पर उतरे, बंद से जनजीवन प्रभावित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 05:31 AM IST, Published Date : January 28, 2022/11:16 pm IST

पटना, 28 जनवरी (भाषा) आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा प्रक्रिया के विरोध में छात्र संगठनों द्वारा आहूत एक दिन के बिहार बंद से शुक्रवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। बंद का विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया था।

रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) की नौकरियों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितता के विरोध में आइसा समेत अन्य छात्र संगठनों ने बिहार बंद आहूत किया था जिसे राजद, वामपंथी और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के साथ बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी ने भी समर्थन किया था।

बिहार के साथ-साथ केंद्र में भी सत्तारूढ़ भाजपा ने छात्रों से नरेंद्र मोदी सरकार में विश्वास रखने और ‘‘राजद के नेतृत्व वाले विपक्ष के बहकावे में नहीं आने का आग्रह किया था।’’

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परीक्षार्थियों की चिंताओं का पूरी तरह से समाधान किया जाएगा। उन्होंने लिखा, ‘‘राजनीति में दूसरों के सहारे रोटियां सेकने का एक अलग तौर तरीका है। माननीय रेल मंत्री ने एक उचित एवं सही निदान निकाल दिया है और सभी को अपनी बातें रखने का मौका दिया। फिर बिहार के कुछ राजनैतिक दल अब बच्चों को बरगलाने का काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘मेरा छात्रों से निवेदन होगा कि वह इनके एजेंडे में ना पड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें । 3 दिन पहले मेरी ‘कंपटीशन’ में भाग लेने वाले बच्चों से विस्तृत चर्चा हुई। कुछ बातों पर उनका ऐतराज़ मुझे ठीक भी लगा और मैंने माननीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव जी से सीधी बात की। फैसल खान जी से अर्थात ‘खान सर’ से भी मेरी चर्चा 3 दिन पहले इस पूरे परीक्षा के बारे में बात हुई थी और उन्होंने जो सुझाव दिया था वह भी मैंने रेल मंत्री जी को बता दिया।’’

उन्होंने प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिनकी नेतागिरी 20 वर्ष पहले हत्या, अपहरण और बूथ लूटने से ही चलती थी वह आपका केवल लाभ उठाएंगे और आपके भविष्य को खतरे में डालेंगे।’’

भाजपा के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रेलवे भर्ती परीक्षा देने वाले उन छात्रों को धन्यवाद जिन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आश्वासन पर भरोसा किया और शुक्रवार के बंद में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों की समझ और खान सर, रहमान सर जैसे कोचिंग शिक्षकों की अपील का सकारात्मक असर रहा कि बंद के दौरान छात्र नहीं, केवल राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर दिखे। हम ऐसे शिक्षकों के प्रति आभारी हैं जो समस्या के समाधान में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं। इनके विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।’’

सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘‘जब रेल मंत्री वैष्णव ने कल मुझसे नयी दिल्ली स्थित संचार भवन में मुलाकात के दौरान साफ कर दिया कि ग्रुप डी की केवल एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी में एक छात्र-एक रिजल्ट के आधार पर 3.5 लाख और रिजल्ट निकाले जाएँगे तब उस पर भरोसा करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि छात्र रेलवे द्वारा गठित समिति के समक्ष अपनी मांगों को रखें ताकि सरकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर छात्रों के पक्ष में निर्णय ले सके। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार बंद से अलग रह कर छात्रों ने न केवल अपने रेल मंत्री पर भरोसा किया बल्कि उन तत्वों को झटका दिया जो आंदोलन की आग में राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते थे।’’

बिहार में आज बंद के दौरान कई जगहों पर पुलिसकर्मियों एवं बंद समर्थकों के बीच छिटपुट झड़प को छोड़कर दिन शांतिपूर्ण तरीके से गुजरा और हिंसा की कोई घटना नहीं घटी। रेल यातायात जो हाल में छात्रों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के कारण प्रभावित हुआ था, उसे बंद के दौरान बंद समर्थकों ने निशाना नहीं बनाया ।

बिहार बंद के दौरान हालांकि सड़क यातायात प्रभावित हुआ क्योंकि बंद समर्थकों द्वारा शहरों और राजमार्गों पर टायर जलाकर सडक अवरूद्ध कर देने से वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस ने कहा कि कुछ बंद समर्थकों को उन जगहों पर पकड़ा गया जहां उन्होंने बहुत बाधा उत्पन्न की और दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए डराने-धमकाने की कोशिश की ।

बिहार बंद के पूर्व हिंसक विरोध-प्रदर्शन के कारण स्थानीय पुलिस और रेलवे द्वारा दर्ज मामलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू सहित अन्य राजनीतिक दलों ने वापस लिए जाने का आग्रह किया है।

भाषा अनवर अमित

अमित

 

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