बिहार में सत्ता गंवाने के बाद शाह का पहला प्रदेश दौरा |

बिहार में सत्ता गंवाने के बाद शाह का पहला प्रदेश दौरा

बिहार में सत्ता गंवाने के बाद शाह का पहला प्रदेश दौरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 05:39 PM IST, Published Date : September 23, 2022/11:20 am IST

पटना, 23 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में पिछले महीने राजनीतिक उठा-पटक के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता गंवाने के बाद राज्य के पहले दौरे पर शुक्रवार को यहां पहुंचेंगे।

भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार समझे जाने वाले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शाह सीमांचल क्षेत्र में दो दिन बिताएंगे।

भाजपा की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा , ‘‘गृह मंत्री बागडोगरा हवाई अड्डा पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए पूर्णिया जाएंगे। वह बाद में शाम को किशनगंज रवाना होंगे।’’

शाह दो दिवसीय इस दौरे में पार्टी पदाधिकारियों और प्रशासन के अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेंगे। वह इस दौरान पूर्णिया में ‘जन भावना रैली’ को संबोधित करेंगे। पार्टी का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़कर ‘‘जन भावनाओं से धोखा किया’’ हैं, क्योंकि इसी गठबंधन का हिस्सा होने के कारण उन्हें 2020 के विधानसभा चुनाव में जनादेश मिला था। पार्टी के इसी दावे की तर्ज पर इस ‘जन भावना रैली’ का आयोजन किया जा रहा है।

अगस्त के तीसरे सप्ताह में सत्ता छिन जाने से भाजपा को बड़ा झटका लगा था। पार्टी ने इससे करीब एक महीने पहले ही पटना में दो दिवसीय सम्मेलन किया था, जिसमें शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शिकरत की थी।

भाजपा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह के जरिए जद (यू) को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगा था।

राजनीतिक घटनाक्रम पर बारीक नजर रखने वाले यह देखना चाहते हैं कि शाह इस मामले पर अपनी चुप्पी कैसे तोड़ेंगे।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शाह के दौरे की तैयारियों की निगरानी के लिए पिछले कुछ समय से सीमांचल में डेरा डाले हुए हैं। वह सीमांचल में कथित ‘‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’’ और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गतिविधियों पर टिप्पणियों के कारण हाल में सुर्खियों में रहे।

सिंह ने आतंकवाद, जनसंख्या बढ़ोतरी और अवैध प्रवासियों की घुसपैठ के लिए ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ को जिम्मेदार ठहराया था।

पार्टी जब जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन में थी, उसने तब स्पष्ट किया था कि वह बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों की कथित घुसपैठ को वैध ठहराने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करेगी।

इस बीच जद(यू) के वरिष्ठ नेताओं ने बयान जारी करके भाजपा को चेतावनी दी कि वह धुव्रीकरण की कोशिश न करे और उसने लोगों से ‘‘साम्प्रदायिकता के जाल’’ में नहीं फंसने का आग्रह भी किया।

जद (यू) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने फेसबुक पोस्ट में कटाक्ष करते हुए लिखा कि शाह ‘‘बिहार को विशेष दर्जा देने के समर्थन में बात करेंगे, वह पुलवामा आतंकवादी हमले के अपराधियों के बारे में खुलासा करेंगे, विदेश से लाए गए काले धन को गरीबों में बांटने की घोषणा करेंगे, न्यायाधीशों की नियुक्त की त्रुटिपूर्ण कॉलेजियम प्रणाली को रद्द करने का संकल्प लेंगे और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण वापस लेने की घोषणा करेंगे।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)