केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा ने पार्टी में टूट के कयासों को किया खारिज |

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा ने पार्टी में टूट के कयासों को किया खारिज

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा ने पार्टी में टूट के कयासों को किया खारिज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 04:06 AM IST, Published Date : August 14, 2022/4:06 pm IST

पटना, 14 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी ने रविवार को उन ‘अफवाहों’ को खारिज किया है, जिसके मुताबिक पार्टी के पांच में से तीन सांसद बगावत कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के पाले में जाने की योजना बना रहे हैं।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने यहां सवांददाता सम्मेलन कर इन कयासों का खंडन किया। इस दौरान उनके साथ दो सांसद वीणा देवी और चंदन कुमार भी मौजूद थे।

प्रिंस राज ने दावा किया कि तीसरे सांसद महबूब अली कैसर भी औपचारिक रूप से पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बने रहने के रुख का समर्थन करने आए थे, लेकिन उनकी कोविड-19 की जांच हुई और उनमें संक्रमण के लक्षण थे, इसलिए वह वापस चले गए।

समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज ने कहा, ‘‘आप स्वयं देख सकते हैं कि पार्टी एकजुट है और निंदनीय अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है।’’

गौरतलब है कि मीडिया के एक धड़े में कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले सप्ताह बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में आए बदलाव का असर पारस की पार्टी में भी महसूस किया जा रहा है। बिहार में पिछले सप्ताह नीतीश कुमार द्वारा राजग छोड़ने के बाद महागठबंधन की सत्ता में एक बार फिर वापसी हुई थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्ष में आ गई थी।

राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी के तीन सांसदों के बारे में माना जा रहा है कि वे पाला बदल सकते हैं, क्योंकि वीणा देवी के पति जद (यू) के विधान पार्षद हैं, जबकि कैसर के बेटे राजद के विधायक हैं। वहीं, चंदन कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह अपने बड़े भाई सूरज भान सिंह से निर्देशित होते हैं, जो दिवंगत रामविलास पासवान के प्रति निष्ठावान थे, लेकिन उनके निधन के बाद अपने विकल्प तलाश रहे हैं।

राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी का गठन पारस ने पिछले साल दिवंगत भाई पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से अलग होने के बाद किया था। पारस ने अपने भतीजे और पार्टी के संभावित उत्तराधिकारी चिराग पासवान से बगावत की थी।

बिहार में पिछले सप्ताह हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद चाचा पारस और भतीजे चिराग ने राजग में बने रहने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को केवल एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन पिछले साल पार्टी के एकमात्र विधायक राज कुमार सिंह भी जद(यू) में शामिल हो गए थे।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप

 

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