छत्तीसगढ़ सरकार के दिमागी दिवालीयापन के कारण गरीबी की महामारी के शिकार हो रही जनता

छत्तीसगढ़ सरकार के दिमागी दिवालीयापन के कारण गरीबी की महामारी के शिकार हो रही जनता

  •  
  • Publish Date - August 20, 2020 / 10:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:41 PM IST

भा. ज. पा. नेता एवं वरिष्ठ पूर्व विधायक परेश बागबाहरा ने प्रदेश मे युवा बेरोजगारी के बारे मे प्रदेश की कॅाग्रेस सरकार पर झूठा आकडे एवं झूठी दलील देकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश के युवा इस बात को जान चुके है कि विधान सभा चुनाव के समय राजीव गांधी मित्र योजना के अन्र्तगत 10 लाख बेरोजगार युवाओं को सामुदायिक विकास और समाज सेवी गतिविधियो मे नौकरी देनेे एवं 2500/- रुपये बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने का जो वायदा किया था वो झूठा एवं फरेब के अलावा कुछ नही है। परेश बागबाहरा ने कहा कि प्रदेश की दो करोड पच्चहत्तर लाख की आबादी मे से 17 साल से 35 साल वाले करीब 90 लाख की आबादी उर्जावान युवाओ की है। प्रदेश के युवा बेरोजगारी को तीन वर्गो मे देखा जा सकता है पहला वो जो उच्च शिक्षा प्रप्त बेरोजगार (ग्रेज्वेट/पोष्ट ग्रेज्वेट/प्रोफेशनल शिक्षा )हैं और जिनकी आबादी लगभग 10 लाख के आसपास है दूसरे वो युवा आबादी लगभग 20 लाख की है जो केवल स्कूली शिक्षा प्राप्त है तीसरे वो युवा जो विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र मे तथा नगरी क्षेत्रो के झुग्गियो मे रहते है जो साक्षर है जिनकी आबादी सबसे ज्यादा लगभग 60 लाख के आसपास है और इन समस्त वर्गो की युवा प्रदेश सरकार के दिमागी दिवालीयेपन एवं कोरोना संकट के कारण गरीबी की महामारी के शिकार हो रहे है।

उन्होने कहा कि एन एस एस ओ एवं सेंटर फार माॅनिटरिंग इंडियन इकोनोमी एवं अर्थशास्त्रीयो और एक्सपट्रर््स के अनुसार भारत मे नम्बर एक क्रम मे छत्तीसगढ के युवा सबसे भयावह बेरोजगारी के संकट से जूझ रहा है जो कभी भी विस्फोटक रुप धारण कर सकता है। अंर्तराष्ट्र्ीय श्रम संगठन और एशियाई विकास बैंक की ताजी संयुक्त रिर्पोट मे बताया गया है कि, कोविड 19 के कारण 15 से 24 वर्ष के बीच के युवा लम्बे समय के लिय अर्थिक एवं सामाजिक रुप से बेरोजगारी के कारण निराशा एवं डिपे्रशन (अवसाद) के शिकार होगे। अत प्रदेश को युवा जीवंत (वायथ्रेट) बनाए रखने के लिए, क्षेत्रिय आवश्यकताओ के अनुसार मुफत मे गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा स्किल डेवलपमेंट एवं प्रशिक्षण के लिए तुरंत कार्यवाही करने की आवश्यकता है

परेश बागबाहरा ने कहा कि वर्तमान मे पाॅच सौ रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का शासकीय नियम है जिसे विकास खण्ड कार्यालय एवं नगरीय निकायो द्वारा शिक्षित बेरोजगारो का पंजीयन कर उनकी पात्रता निर्धारण कर राशि प्रदान करने की जिम्मेदारी है परन्तु इसे भी राज्य सरकार नही दे रही है चुनाव के समय इसी राशि को पॅाच सौ रुपये से बढा कर ढाई हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा किया गया था तब प्रदेश के युवाओ मे गढबो नवा छत्तीसगढ के इन नारो से नई आशा की किरण जागी थी लेकिन अब ये पुरी तरह धुधला गई है।
परेश बागबाहरा ने प्रदेश की काग्रेस सरकार से युवा बेरोजगारी के आकडे सार्वजनिक करने एवं तुरंत 2500/- प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने या रोजगार / स्वरोजगार मुहैया कराने की मांग की है।

 

परेश बागबाहरा

भा.ज.पा. नेता एवं पूर्व विधायक

(लेखक के स्वयं के विचार)

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति IBC24 News उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार IBC24 News के नहीं हैं, तथा IBC24 News उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।