अजीब संयोग है..द आइज ऑफ डॉर्कनेस ..के वुहान-400 वायरस और कोविड 2019 के बीच

अजीब संयोग है..द आइज ऑफ डॉर्कनेस ..के वुहान-400 वायरस और कोविड 2019 के बीच

अजीब संयोग है..द आइज ऑफ डॉर्कनेस ..के वुहान-400 वायरस और कोविड 2019 के बीच
Modified Date: November 29, 2022 / 01:34 pm IST
Published Date: April 6, 2020 1:56 pm IST

आमतौर पर सस्पेंस थ्रिलर पढ़ना मेरी आदत में शुमार नहीं है।राजनीतिक विषय,आध्यात्म की गहरी बातों वाली किताबों में मेरी गहरी रुचि है।हां ये भी सच है कि जो मिल जाये तो पढ़ ही लेता हूं। कुछ 5-6 महीने पहले ऑफिस के ही एक शख्स ने 3 साल से बंद मेरी पढ़ने की आदत फिर शुरु करवा दी। दोबारा सफर शुरु हुआ…अमीष त्रिपाठी ..की ..रावण..से ..फिर शिव ट्रायलॉजी की तीनों किताबें पढ़ ली और फिर से तेजी से पढ़ना शुरु हुआ।

इस बीच जनवरी 2020 में कोरोना यानी कोविड-2019 की हलचल के बीच इंस्टा पर इंडिया टुडे की पोस्ट देखी,जिसमें वुहान-400 वायरस और कोविड-2019 के बीच लगभग साम्य जैसे लिखे किताब के पुराने पन्ने का चित्र था।जिज्ञासा बढ़ी कि इस किताब को पढ़ा जाये, अमेजान में पता किया तो पता चला कि 1981 में लिखी गयी यह किताब प्रिंटेड फार्म में उपलब्ध नहीं है।

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खैर ,किसी निकटतम परिचित ने जिज्ञासावश इस किताब का ई-एडीशन खरीदा और पीडीएफ फार्मेट में मुझे भेजा।कल रात यानी 5-6 अप्रैल की दरमियानी रात को किताब पूरी हुई…DEAN KOONTZ  की लिखी …THE EYES OF DARKNESS…..को जब पढ़ना शुरू किया तो रहस्य औऱ रोमांच से भरी बेहतरीन तरीके से गुंथी हुई इस किताब के करीब 200 पेज पढ़ने के बाद धैर्य जवाब देने लगा कि अब तो मात्र 47 पेज ही बचे हैं…

अब तक तो किताब में ..कोरोना….या उसके जैसी किसी महामारी का उल्लेख नहीं आया है,तो क्या किताब के बारे में भ्रम फैलाया गया,कि लोग किताब को खरीदकर पढ़ें…लेकिन सोचा कि जब 200 पेज पढ़ ही लिये हैं,तो 47 पेज पढ़ने में क्या दिक्कत है,स्टोरी तो शानदार है,,कुछ नहीं तो सस्पेंस थ्रिलर पढ़ने का ही अनुभव हो जायेगा।इस बीच फेसबुक और वाट्सएप पर लोगों के स्टेट्स और पोस्ट देखकर लगा कि इस किताब में से तो कुछ मिलने से रहा,क्योंकि जो पोस्ट और स्टेटस में दिखाया जा रहा था वो किताब का 343 या 334 पेज नंबर था,जबकि किताब में कुल 247 पेज ही हैं ई-एडीशन में।

ये तो हुई कहानी किताब से मेरे मुखातिब होने की। देर से ही सही लेकिन मुद्दे पर आ रहा हूं…स्टोरी ऐसी है कि टीना इवान नाम की महिला का 17 साल का बेटा..डैनी… एक एडवेंचर टूर में हादसे का शिकार हो जाता है और हादसे में शिकार सभी बच्चे और उनका ट्रेनर भी मारा जाता है।सभी को दफना दिया जाता है और सभी के परिवारों को कॉफिन में उनके बच्चों के शव दिए जाते हैं,यह कहकर कि उनके शव इतनी बुरी हालत में हैं कि खोले बिना ही दफना दिया जाए…

सभी के दफन होने के करीब 20 माह बाद टीना के घर में उसके बेटे..डैनी..के कमरे में लगे व्हाइट बोर्ड में..नॉट डैड…नॉट डैड..लिख जाता है।टीना को आश्चर्य होता है कि ये कैसे हो सकता है,क्योंकि वह तो अकेले रहती है और घर में नौकरानी के सिवाय किसी का आना जाना नहीं,उसका डैनी की मौत के बाद अपने पति माइकल से तलाक हो चुका था, इसलिए उसका शक पति पर जाता है औऱ वह उसके पास जाकर पूछताछ करती है।पति से पूछताछ के उसे यकीन हो जाता है कि ये उसके पति की हरकत नहीं है।इस बीच उसकी निकटता एक नामी वकील से हो जाती है,जिसे वह बताती है कि किस तरह उसके घर में ,उसके ऑफिस के कम्प्यूटर पर..नॉट डैड..नॉट डैड..लिखा आने लगता है और ..

डैनी के कमरे की सभी स्टेटिक चीजें अपने आप चालू हो जाती हैं,जो इस बात का संकेत है कि डैनी जिन्दा है और मुझे पुकार रहा है कि उसे बचा लो…लेकिन वकील को उसकी बातें भ्रम लगती हैं,तब वह कब्र खोदने की बात कहती है,जिस पर वकील जज से बात कर वीक एंड पर आदेश निकलवाकर कब्र खुदाई का प्लान तैयार करता है,ताकि डैनी का पिता माइकल कब्र की खुदाई पर आपत्ति ना लगा सके। जब वकील इस बात की चर्चा उस जज से करता है,जिसकी कोर्ट से कब्र खुदाई का आदेश निकलना था,तो वहीं से एक नई और जानलेवा परेशानी शुरू हो जाती है।वकील की हत्या और कब्र खोदने की वजह जानने के लिए दो लोग साईलेन्सर लगी पिस्टल लेकर उसके घर पहुंच जाते हैं और उसे धमकाकर कब्र खोदने की वजह और टीना की बात पर विश्वास का आधार जानने की कोशिश करते हैं।वकील जो कि सेना की इंटेलीजेंस विंग में काम किया हुआ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षित व्यक्ति था

वह अपनी सूझबूझ और वीरता का परिचय देते हुए उनको बंधक बनाकर उनकी पिस्टल लेकर अपने घर से भाग जाता है।वह सीधे टीना के घर जाता है,और उससे पूछताछ करता है कि क्या कोई उसके घर आया था, जब टीना बताती है कि गैस पाइप लाइन सुधारने वाला उसके घर आया था,तो वह समझ जाता है कि कुछ गड़बड़ है और वह टीना को लेकर जैसे ही उसके घर से बाहर आता है,धमाके के साथ उसका घर उड़ जाता है।फिर दोनो भागते जाते हैं और उनको पकड़ने वाले उनके पीछे।इस बीच वकील को टीना की बात पर यकीन होने लगता है कि शायद उसकी बात सही हो,लेकिन डैनी है कहां और कैसे उसको ढूंढा जाए,यह एक बड़ी पहेली थी ,वे लोग उस स्थान की ओर बढ़ते हैं जहां कथित तौर पर डैनी और उसके दोस्त मारे गए थे,लेकिन इन दोनों को मारने के लिए सरकारी एजेन्सी के लोग लगातार उनका पीछा कर रहे थे.

उनसे बचते बचाते किसी तरह उस स्थान पर पहुंचते हैं जहां अमेरिकी सरकार के रक्षा विभाग का रिसर्च सेंटर है और पेण्डोरा प्रोजेक्ट के नाम से सुदूर जंगलों और पर्वतों के बीच मानवरहित स्थान था।वहां तक पहुंचने के पहले टीना खुद को हिप्नोटाइज कराकर वहां तक पहुंचने का रास्ता नक्शे पर बनाती है।ऐसा करने के पीछे उसका विश्वास था कि ..डैनी…उसकी मदद कर रहा है,जो कर भी रहा था।।जब वे उस रिसर्च सेंटर पहुंचे तो वहां के ट्रैपिंग कैमरे अचानक से बंद हो गये और वे लोग किसी तरह अंदर दाखिल हो गये।यह कैसे हुआ बस उसी विश्वास के कारण जिसकी मदद से वे यहां तक पहुंचे ,अंतत: वे वहां पहुंच गये जहां डैनी को रखा गया था,इसके लिए उन्हें एक वैज्ञानिक को बंधक बनाना पड़ा और दूसरे वैज्ञानिक ने वुहान-400 की कहानी सुनायी…कि कैसे चीन ने ये वायरस बनाया और अमेरिका ने कैसे उसके वैज्ञानिक से इस तकनीक को हासिल किया और जब इस वायरस वुहान-400 पर काम हो रहा था तो कैसे अमरीका के वैज्ञानिक की लापरवाही से वह स्वयं संक्रमित हुआ ।

जब संक्रमित हुआ वैज्ञानिक रिसर्च सेन्टर से भागने की कोशिश कर रहा था,तब वह उस कैम्प में पहुंचा जहां ये बच्चे ठहरे हुए थे,इस संक्रमण से सबकी जान चली गयी,लेकिन डैनी बच गया,फिर रिसर्च टीम और उनके सुरक्षा दस्ते ने डैनी को लेकर रिसर्च सेंटर आ गये ।उस पर लगातार प्रयोग किया गया,ताकि इस वायरस की एंटीबॉडी ना बन सके।उस वैज्ञानिक ने डैनी की मां टीना और वकील को बताया कि ऐसे बायोलॉजिकल हथियार कई अन्य देशों ने भी बना लिए हैं।जो बातें वर्तमान में कोरोना के बारे में बतायी जा रही है,उनमें कई बातें वैसी ही हैं।अन्त में डैनी अपनी मां और वकील की मदद से बाहर आ जाता है,जो उसकी पारलौकिक शक्तियों के कारण होता है।


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