Sarojini Naidu Birth Anniversary: ‘भारत की कोकिला’ कही जाने वाली सरोजिनी नायडू आखिरकार कैसे बनीं पहली महिला गवर्नर, जानें उनसे जुड़ी 10 रोचक बातें
Birth Anniversary of India's first woman governor Sarojini Naidu यह सरोजिनी नायडू का 143वां जन्म दिवस है। जाने उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें।
Birth Anniversary of India's first woman governor Sarojini Naidu
India’s first woman governor Sarojini Naidu: भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है और यह दिन देश की स्वर कोकिला कही जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान के सम्मान में ही सरोजनी नायडू का जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
सरोजनी नायडू ने ऐसे समय में महिलाओं को जागृत करने का काम किया था जब देश अंग्रेजों से आजादी हासिल करने के लिए जूझ रहा था। सरोजनी नायडू ने देश के बहुत सारी महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भागीदार बनाने के काम किया था। सरोजिनी नायडू भारत की पहली महिला राज्यपाल थीं और ‘भारत कोकिला’ के नाम से भी प्रसिद्ध थीं।
सरोजिनी नायडू अपने दौर की महान वक्ता थी—
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन’ में सक्रिय रूप से भाग लिया था। यह सरोजिनी नायडू का 143वां जन्म दिवस है।
सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता भी थीं। सरोजिनी नायडू का जन्म भारत के हैदराबाद 13 फरवरी 1879 में हुआ था। सरोजिनी अपनी कविताओं में टूटे सपनों, शक्ति, आशा, जीवन और मृत्यु, गौरव, सौंदर्य, प्रेम, अतीत और भविष्य के बारे में बात करती थी।
पहली महिला गवर्नर की गई थी नियुक्त
सरोजिनी नायडू देश की जानी मानी हस्तियों में से हैं। आजादी की जंग के दौरान वो स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी कवयित्री के रूप में उभरकर सामने आईं। यही वजह थी की जब देश आजाद हुआ तो उन्हें एक बड़े राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। उस दौर में उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया। बता दें कि उस दौर में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य था। ऐसे में यह एक अहम जिम्मेदारी थी, जिसे सरोजिनी ने बड़ी ही बखूबी निभाया।
India’s first woman governor Sarojini Naidu: उनके एक भाई विरेंद्रनाथ क्रांतिकारी थे और एक भाई हरिद्रनाथ कवि, कथाकार और कलाकार थे। सरोजिनी नायडू बचपन से ही होनहार थीं और वो कई भाषाओँ जैसे उर्दू, तेलगू, इंग्लिश, बांग्ला और फारसी भाषा में निपुण थीं। तो आइये आज उनके जन्मदिन के मौके पर जाने उनके जीवन से जुड़ी कुछ और रोचक बातें।
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सरोजिनी नायडू के जीवन से जुड़ी 10 ख़ास बातें-
— सरोजिनी बचपन से ही बुद्धिमान थी। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी आयु में ही बारहवी की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास कर ली थी।
— 13 वर्ष की आयु में “लेडी ऑफ दी लेक” नामक कविता रची।
— उनकी पहली कविता संग्रह का नाम “गोल्डन थ्रैशोल्ड” था।
— सरोजिनी की कविता “बर्ड ऑफ टाइम” तथा “ब्रोकन विंग” ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया।
— 1898 में सरोजिनी नायडू ने डॉ॰ गोविंदराजुलू नायडू से शादी कर ली।
— 1914 में इंग्लैंड में नायडू पहली बार गांधीजी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गयीं।
— 1925 में कानपूर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की वे अध्यक्षा बनीं और 1932 में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं।
— वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं और भारत की स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद वे उत्तरप्रदेश की पहली राज्यपाल भी बनीं।
— सरोजिनी नायडू की 2 मार्च 1949 को लखनऊ में अपने कार्यालय में काम करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
— 13 फरवरी 1964, को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक “डाकटिकेट” भी जारी किया।
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