Pitru Paksha 2022 : शुभ मुहूर्त पर श्राद्ध करने से मिलेगा धन लाभ और सुंदर पत्नी, जानें कैसे करें श्राद्ध…

Pitru Paksha 2022 : शुभ मुहूर्त पर श्राद्ध करने से मिलेगा धन लाभ और सुंदर पत्नी, जानें कैसे करें श्राद्ध…
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: September 11, 2022 11:34 am IST

Pitru Paksha 2022 :  भोपाल – हिन्दू धर्म में पितरों का श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान अनिवार्य कर्म बताए गए है। पितरों की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए ऐसा करना चाहिए। पितृ पक्ष में पितरों की पूजा पूरी विधि विधान से होना अनिवार्य है। पितृ पक्ष 10 से सितंबर से शुरू हो चुके है जो 25 सितंबर तक रहेंगे। पितरों को तर्पण के बारें में सनातनी धर्म से जुडी एक विशेष पूजा है। पितृ पक्ष में पिंडदान का खास महत्व होता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है। इसमें पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को याद किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। विधिपूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर जाते हैं। महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को श्राद्ध के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया है। भीष्म ने युधिष्ठिर को ये भी बताया है कि किस तिथि में श्राद्ध करने से उसका क्या फल मिलता है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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1. भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताया कि, जो व्यक्ति प्रतिपदा तिथि पर पितरों का श्राद्ध करता है, उसे बहुत ही सुंदर और सुयोग्य संतानों को जन्म देने वाली पत्नी मिलती है।
2. जो व्यक्ति द्वितीया तिथि पर पितरों का श्राद्ध करता है, उसके घर में योग्य कन्याओं का जन्म होता है। जो कुल का नाम रोशन करती हैं।
3. तृतीया तिथि पर श्राद्ध करने से घोड़े मिलते हैं, ऐसा महाभारत में लिखा है।
4. जो व्यक्ति चतुर्थी तिथि का श्राद्ध करा है, उसे बहुत-से छोटे-छोटे पशु जैसे भेड़-बकरियों के लाभ मिलता है।
5. योग्य पुत्र पाने के लिए पंचमी तिथि पर श्राद्ध जरूर करना चाहिए।
6. जो व्यक्ति षष्ठी तिथि का श्राद्ध करता है, उसे आकर्षण और तेज में वृद्धि होती है। यानी सभी लोग उसकी बात को आसानी से मान जाते हैं।
7. सप्तमी को श्राद्ध करने से खेती में लाभ होता है।
8. अष्टमी को श्राद्ध करने से बिजनेस में फायदा होता है।
9. जो व्यक्ति नवमी तिथि पर श्राद्ध करता है, उसे खुरवाले पशु जैसे- घोड़े और खच्चर आदि से फायदा मिलता है।
10. महाभारत के अनुसार, दशमी तिथि को श्राद्ध करने से गायों से फायदा मिलने के योग बनते हैं।
11. श्राद्ध की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस दिन श्राद्ध करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और योग्य संतान का जन्म होता है।
12. श्राद्ध पक्ष की बारहवी तिथि यानी द्वादशी को श्राद्ध से बहुमूल्य धातु जैसे सोने-चांदी में वृद्धि होती है।
13. त्रयोदशी तिथि को श्राद्ध करने से समाज में मान-सम्मान मिलता है।
14. चतुर्दशी तिथि पर उसी व्यक्ति का श्राद्ध करना चाहिए, जिसकी अकाल मृत्यु हुई हो जैसे किसी घटना-दुर्घटना में या किसी शस्त्र के द्वारा।
15. श्राद्ध पक्ष की अंतिम तिथि को सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। इस दिन श्राद्ध करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी हो जाती हैं।

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years