M.P Home misterभोपाल: दिल्ली के शाहीन बाग से लेकर मध्यप्रदेश में खरगोन दंगों,उदयपुर में टेलर का सिर कलम करने और पटना में पीएम मोदी की सभा के पहले धमाके तक में पीएफआई का कनेक्शन सामने आया है। दरअसल मध्यप्रदेश सरकार के गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में साल 2015 से लेकर 2022 तक 229 दंगे हुए हैं। इन दंगों में पीएफआई की भूमिका को लेकर भी जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं। इंटेलिजेंस एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई मध्यप्रदेश के तकरीबन हर दंगे में शामिल रहा है। दंगे भड़काने के लिए पीएफआई ने ट्रेनिंग दी,हथियार मुहैया कराए और सोशल मीडिया के जरिए जिहादी तैयार किए। फिलहाल मध्यप्रदेश में 7 सालों के दंगों में पीएफआई के कनेक्श को लेकर एजेंसियां नए सिरे से जांच में जुट गईं हैं।
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पीएफआई ने सप्लाई किए हथियार!
दंगे भड़काने से लेकर टेरर फंडिंग के लिए भी पीएफआई ने मैन पॉवर से लेकर हथियार तक उपलब्ध कराएं हैं। फिलहाल देशभर से पीएफआई के सैंकड़ों एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है। मध्यप्रदेश से भी 4 एजेंट्स गिरफ्तार हुए हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में पीएफआई का नेटवर्क गहरा है। पीएफआई ने महज़ कुछ सालों में ही 2000 से ज्यादा एजेंट्स अपने संगठन में जोड़ लिए। मक्सद सिर्फ मध्यप्रदेश में बैठकर देशभर में तबाही करने का था। अब मध्यप्रदेश की सरकार एनआईए के अलावा भी पीएफआई के दंगों से कनेक्श को लेकर नए सिरे से जांच कर रही है। हालंकि कांग्रेस मध्यप्रदेश में पिछले 7 सालों मे हुए दंगों और उनमें पीएफआई के कनेक्शन का जिम्मेदार बीजेपी सरकार को ही ठहरा रही है।
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