Union Budget 2024: 3 से 5 लाख हो सकती है टैक्स छूट की सीमा! न्यू टैक्स रिजीम पर भी ये ऐलान होने की संभावना
Union Budget 2024: 3 से 5 लाख हो सकती है टैक्स छूट की सीमा, न्यू टैक्स रिजीम पर भी ये ऐलान होने की संभावना
Union Budget 2024
Union Budget 2024: नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारणम जुलाई महीने में बजट 2024 पेश करने जा रही हैं। इस बार बजट में गरीब परिवारों से लेकर मिडिल क्लास को खास उम्मीदें हैं। इतना ही नहीं ये भी माना जा रहा है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री टैक्स छूट को लेकर कुछ ऐलान कर सकती हैं। सूत्रों की मानें तो बजट में किसी भी टैक्स से पहले व्यक्तियों के लिए आय सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती हैं। साथ ही पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब की दरों में बदलाव हो सकता है।
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छूट लिमिट में हो सकती है बढ़ोतरी
बता दें कि इस बार बजट 2024 में इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट लिमिट में बढ़ोतरी हो सकती है, ताकि मध्यम वर्ग को निवेश के लिए और प्रेरित किया जा सके। सरकार बजट 2024 में टैक्स कटौती लाकर कम आय वाले व्यक्तियों के लिए खपत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। इसका उद्देश्य डिस्पोजेबल आय को बढ़ाना है, जिससे खपत और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले सके।
केवल इन लोगों को ही मिलेगा फायदा
सरकार द्वारा उठाए जा रहे टैक्स में छूट की कदम से 5 लाख से 15 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। हालांकि, ये टैक्स छूट सभी टैक्सपेयर्स (Taxpayers) पर लागू नहीं होगा। ये फायदा सिर्फ उन लोगों को मिलेगा जो न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं। क्योंकि, सरकार न्यू टैक्स रिजीम में ही बेसिक टैक्स छूट बढ़ाने पर विचार कर रही है। हालांकि, अभी इसपर विस्तार से चर्चा चल रही है और अंतिम फैसला बजट पेश होने के दौरान किया जाएगा।
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टैक्स स्लैब में भी हो सकता है बदलाव
केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम बना दिया। इसे शुरू में बजट 2020 में पेश किया गया था, जिसने टैक्सपेयर्स को पुरानी टैक्स व्यवस्था के बजाय इसे चुनने की अनुमति दी, जो कटौती और छूट से भरी हुई है। सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार 3.0 उद्योग जगत के अनुरोध पर विचार करते हुए नई कर व्यवस्था के तहत उच्चतम व्यक्तिगत आयकर स्लैब दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर सकती है। अधिकारी ने बताया कि उच्च आयकर स्लैब में बदलाव की संभावना नहीं है, क्योंकि वर्तमान में निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए उपभोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

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