MP Budget 2025: कुपोषण मिटाने महिला मुखिया को हर महीने 1500 रुपए, इन क्षेत्रों में बनेंगे 22 नए छात्रावास, लागू होगा जनजातीय उत्कर्ष अभियान

कुपोषण मिटाने महिला मुखिया को हर महीने 1500 रुपए, इन क्षेत्रों में बनेंगे 22 नए छात्रावास, 1500 rupees every month to the female head to eradicate malnutrition

MP Budget 2025: कुपोषण मिटाने महिला मुखिया को हर महीने 1500 रुपए, इन क्षेत्रों में बनेंगे 22 नए छात्रावास, लागू होगा जनजातीय उत्कर्ष अभियान
Modified Date: March 12, 2025 / 12:44 pm IST
Published Date: March 12, 2025 11:56 am IST

भोपालः मध्यप्रदेश में आज मोहन सरकार का दूसरा बजट पेश हो रहा है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है विकसित मध्यप्रदेश। इसका अर्थ है कि जनता का जीवन खुशहाल हो। महिलाओं का आत्मगौरव मिले। उन्होंने कहा कि हम जीरो वेस्ट बजट ला रहे हैं। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा- हमने 2025-26 का बजट जीरो वेस्ट बजटिंग प्रक्रिया से तय किया है। इस दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय वर्ग के 50 स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए विदेश भेजेगी। जनजातीय बहुल 11300 से अधिक गांवों का कायाकल्प होगा। 200 करोड़ का बजट रखा गया। जनजातीय इलाकों में सीएम राइज स्कूल के लिए 1017 करोड़ रुपए का प्रावधन किया गया है।

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कुपोषण मिटाने महिला मुखिया को हर महीने 1500 रुपए

  • बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों को कुपोषण से मुक्ति आहार अनुदान के तहत 2.20 लाख महिलाओं के खातों में 1500 रुपए दिए जा रहे हैं।
  • विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पीएम जनमन योजना में 53 हजार से अधिक आवास बनाए हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए 22 नए छात्रावास बनेंगे। 11 लाख परिवार लाभांवित हैं।
  • धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान को लागू किया जाएगा। इससे 259 विकासखंडों के 11377 गांवों का कायाकल्प किया जाएगा। इससे 19 लाख जनजातीय परिवारों समेत 94 लाख परिवार लाभांवित होंगे। इसके लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।